मॉनसून की अक्षीय रेखा अनूपगढ़, चूरू, ग्वालियर, सिद्धि, डालटनगंज, उत्तरी ओडिशा पर बने डिप्रेशन से होते हुए पूर्वोमध्य बंगाल की खाड़ी की तरफ जा रही है.
पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून का प्रदर्शन ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से, तटीय कर्नाटक, केरल, जम्मू कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली पर सबसे अच्छा रहा.
वहीँ, मॉनसून की स्थिति असम, सिक्किम, उत्तराखंड, पंजाब के कुछ हिस्से, और हरियाणा में सक्रीय थी और यहाँ मध्यम से भारी वर्षा दर्ज़ की गयी।
बारिश का सबसे अधिक योगदान वल्परई से आया और यहाँ 98 मिमी बारिश दर्ज़ की गयी. वहीँ अगुम्बे और जबलपुर में 92 और झारसुगुड़ा में 90 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गयी.
7 अगस्त तक देश भर के बारिश के आंकड़े में 10 प्रतिशत की कमी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो चारों प्रमुख क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम है। पूर्व और पूर्वोत्तर में 26, उत्तरपश्चिम में 4, मध्य में 5 और दक्षिण में 4 प्रतिशत की कमी है
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अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन दक्षिण छत्तीसगढ़, विदर्भ के कुछ हिस्से, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल में सबसे अच्छा रहेगा और यहाँ काफी भारी बारिश की उम्मीद है।
वहीँ सामान्य मॉनसून की स्थिति जम्मू कश्मीर, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कोंकण गोवा, और तेलंगाना में देखने को मिलेगी।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कमज़ोर रहेगा.
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