मॉनसून की अक्षीय रेखा श्री गंगानगर, हिसार, दिल्ली, कानपूर, मुजफ्फरपुर, दुमका और कोलकाता होते हुए बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी तक जा रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून ओडिशा, और जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से सक्रिय रहा और यहाँ काफी भारी वर्षा हुई। वहीँ, मॉनसून की स्थिति झारखण्ड, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, उत्तरी पंजाब, पूर्वी हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सक्रीय थी और यहाँ मध्यम से भारी वर्षा दर्ज़ की गयी।
बारिश का सबसे अधिक योगदान पूरी से आया और यहाँ 394 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गयी, वहीँ भुबनेश्वर में 173 मिमी और पारादीप में 128 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गयी।
6 अगस्त तक देश भर के बारिश के आंकड़े में 10 प्रतिशत की कमी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो चारों प्रमुख क्षेत्रों में बारिश सामान्य से कम है। पूर्व और पूर्वोत्तर में 25, उत्तरपश्चिम में 4, मध्य में 5 और दक्षिण में 4 प्रतिशत की कमी है।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का प्रदर्शन ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़, विदर्भा, उत्तरी तेलंगाना, और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में सबसे अच्छा रहेगा और यहाँ काफी भारी बारिश की उम्मीद है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ में बाढ़ की स्थिति भी देखने को मिल सकती है।
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वहीँ मॉनसून पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के बाकी हिस्से, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, केरल, तटीय कर्नाटक, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड पर सक्रीय रहेगा और यहाँ मध्यम से भारी बारिश की उम्मीद है। सामान्य मॉनसून की स्थिति पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, कोंकण गोवा, और पूर्वोत्तर भारत में देखने को मिलेगी।
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