वर्तमान में, मॉनसून की अक्षीय रेखा अनूपगढ़, हिसार, दिल्ली, शाजहांपुर, सुल्तानपुर, पटना, बांकुरा, दीघा और पूर्वमध्य बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। नतीजन, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तर राजस्थान, दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश और उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम पर मॉनसून सक्रीय रहा।
पिलानी से प्रमुख वर्षा का योगदान आया जहां 107 मिमी बारिश हुई, इसके बाद नाहन से 93 मिमी और भरतपुर में 86 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गयी।
29 अगस्त को देश भर के बारिश के आंकड़े में 6% की कमी बनी हुई है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो दक्षिण प्रायद्वीप में बारिश 9% अधिक है, मध्य भारत में सामान्य बारिश हुई है। जबकि, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 27% कम और उत्तर-पश्चिम भारत में 5% कम वर्षा हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान, सक्रिय मॉनसून की स्थिति बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड और दक्षिण उत्तर प्रदेश तटीय ओडिशा के कुछ हिस्सों में जारी रहेगी। यहाँ मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी वर्षा की उम्मीद की जा सकती है।
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इसके साथ ही, उत्तराखंड, विदर्भ, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, पूर्वोत्तर भारत और पश्चिम बंगाल में हल्की से मध्यम बारिश के कारण मॉनसून सामान्य रहेगा।
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