वर्तमान में, मॉनसून की अक्षीय रेखा अमृतसर, अंबाला, मेरठ, कानपुर, डाल्टनगंज और दक्षिण पूर्व में उत्तर अंडमान सागर से गुज़र रही है। नतीजन मॉनसून दिल्ली, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, असम और मिजोरम के कुछ हिस्सों पर ज़ोरों पर रहा। इस बीच, पिछले 24 घंटों के दौरान कोंकण और गोवा, दक्षिणपूर्व मध्य प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सक्रिय मानसून की स्थिति जारी रही।
दिल्ली से प्रमुख बारिश का योगदान आया जहां नजफगढ़ में 148 मिमी बारिश दर्ज की गई, और पलाम में 101 मिमी बारिश हुई, जबकि महाराष्ट्र में महाबलेश्वर ने 107 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की
27 अगस्त को, देश भर के बारिश के आंकड़े में 6% की कमी आ गयी है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो दक्षिण प्रायद्वीप में बारिश अधिशेष 9% अधिक है, मध्य भारत में सामान्य बारिश हुई है। जबकि, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 27% काम और उत्तर पश्चिम भारत में 4% कम वर्षा हुई है।
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अगले 24 घंटों के दौरान, पश्चिम मध्य प्रदेश और गुजरात के कुछ हिस्सों में मॉनसून ज़ोरों पर रहेगा और यहाँ भारी बारिश संभव है।
दिल्ली, विदर्भ, दक्षिण छत्तीसगढ़, बाकी मध्य प्रदेश, पश्चिम उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की स्थिति होगी और यहाँ हल्की से मध्यम वर्षा के साथ एक दो स्थानपन पर भारी बारिश भी हो सकती है।
इसके साथ ही, मॉनसून हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दक्षिणपूर्व राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, कोंकण और गोआ, तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, उत्तर छत्तीसगढ़, ओडिशा के कुछ हिस्सों, बिहार के तराई इलाके, असम और मेघालय में मॉनसून सामान्य रहेगा।
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