वर्तमान में, मॉनसून की अक्षीय रेखा फिरोजपुर, कैथल, मेरठ, हरदोई, पटना, गोलपाड़ा और पूर्व में पूर्व असम से गुज़र रही है। अक्षीय रेखा की दूसरी शाखा पटना, भागलपुर, बांकुरा, दीघा और फिर बंगाल की पूर्वोत्तर खाड़ी से जा रही है।
इस प्रकार, मॉनसून हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के हिस्सों पर ज़ोरों पर रहा। जबकि, पिछले 24 घंटों के दौरान उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, असम, मणिपुर, अंडमान और निकोबार द्वीपों के हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी गई।
धर्मशाला से प्रमुख वर्षा का योगदान आया और यहाँ जिसमें 292 मिमी बारिश दर्ज़ की गयी है, इसके बाद कांगड़ा में 277 मिमी और चेरापूंजी में 265 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
23 अगस्त को देश भर के बारिश के आंकड़े की कमी 7% पर स्थिर है। क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो दक्षिण प्रायद्वीप में बारिश 11% अधिक वर्षा हुई है, मध्य भारत में सामान्य बारिश हुई है। जबकि, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 28% कम और उत्तर-पश्चिम भारत में 6% कम वर्षा रिकॉर्ड की गयी है।
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अगले 24 घंटों के दौरान, मॉनसून का प्रदर्शन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और उत्तर छत्तीसगढ़ के हिस्सों पर सबसे अच्छा रहेगा। इन क्षेत्रों में मध्यम से भारी बारिश के आसार हैं।
सामान्य मॉनसून की स्थिति जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बाकी बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, शेष छत्तीसगढ़, विदर्भ, कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक, तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कमज़ोर रहेगा।
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