मॉनसून की अक्षीय रेखा वर्तमान में अमृतसर, नारनौल, ग्वालियर, निम्न दबाव के क्षेत्र के केंद्र, झारसुगुड़ा, चांदबाली और फिर बंगाल की पूर्वोमध्य खाड़ी से गुज़र रही है। नतीजतन, पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून तेलंगाना, मध्य प्रदेश के काफी हिस्से, गुजरात और मराठवाड़ा के कुछ क्षेत्रों पर ज़ोरों पर रहा। इस बीच, ओडिशा, विदर्भ, और दक्षिणपूर्व राजस्थान पर मॉनसून सक्रीय रहा।
भंडारा से प्रमुख वर्षा का योगदान आया जहाँ 187 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद रायसेन में 165 मिमी और भोपाल में 154 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गयी।
20 अगस्त को देश भर के बारिश का आंकड़े में 8% की कमी है। फिलहाल, दक्षिण भारत एकमात्र क्षेत्र है जहाँ 13% अधिक वर्षा हुई है, जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 28% कम, उत्तर-पश्चिम भारत में 6% कम, और मध्य भारत में 3% कम वर्षा हुई है।
अगले 24 घंटों के दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश, और गुजरात में मॉनसून ज़ोरों पर रहेगा। इन क्षेत्रों में काफी भारी बारिश देखी जा सकती है। वहीँ, विदर्भ, कोंकण गोवा, और उत्तरी मध्य महाराष्ट्र में सक्रीय मॉनसून की स्थिति की वजह से हलकी से मध्यम वर्षा की उम्मीद है। एक दो स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।
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इस बीच, तटीय कर्नाटक, मध्य प्रदेश के बाकी हिस्से, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तरी पंजाब, उत्तरी छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य मॉनसून बारिश की उम्मीद है, जबकि मॉनसून देश के बाकी हिस्सों में कमजोर रहेगा।
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