मॉनसून की अक्षीय रेखा वर्तमान में अमृतसर, पटियाला, हरदोई, वाराणसी, डाल्टनगंज, भुवनेश्वर और बंगाल की पूर्वी केंद्रीय खाड़ी की ओर जा रही है.
पिछले 24 घंटों के दौरान मॉनसून हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, असम और तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से सक्रीय रहा। वहीँ मॉनसून केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बिहार और पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मॉनसून सक्रीय रहा।
बारिश का सबसे अधिक योगदान हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से आया जहाँ 248 मिमी बारिश दर्ज़ की गयी, वहीँ हरिद्वार में 189 मिमी, और शिमला में 173 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गयी.
देश भर के बारिश के आंकड़े में अभी 11 प्रतिशत की कमी है. क्षेत्रीय बारिश के आंकड़े की बात करें तो दक्षिण भारत में वर्षा सामान्य से 1 प्रतिशत ऊपर हुई है, जबकि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 27 प्रतिशत कम, उत्तर पश्चिम में 6 और मध्य भारत में 7 कम वर्षा हुई है.
अगले 24 घंटों के दौरान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के तराई इलाकों, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल और तटीय कर्नाटक पर मॉनसून सबसे ज़्यादा प्रभावी होगा और यहाँ भारी वर्षा होने की संभावना है।
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सक्रिय मॉनसून की स्थिति जम्मू-कश्मीर, उत्तरी पंजाब, ओडिशा के कुछ हिस्सों, दक्षिण छत्तीसगढ़, उत्तर तेलंगाना, विदर्भ, झारखंड और पूर्वी मध्य प्रदेश पर होगी और यहाँ मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
इस बीच, पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल, कोंकण और गोवा और मध्य महाराष्ट्र में सामान्य मॉनसूनी वर्षा होने की संभावना है.
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