मॉनसून की अक्षीय रेखा जो देश के आधे से अधिक मॉनसूनी बारिश को नियंत्रित करती है, अब दक्षिण की तरफ चली गई है। यह वर्तमान में बीकानेर, सवाई माधोपुर, शिवपुरी, पूर्व मध्य प्रदेश पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र के केंद्र से होते हुए बंगाल की पूर्वी मध्य खाड़ी से गुज़र रही है।
पिछले 24 घंटों के दौरान केरल में मॉनसून ज़ोरों पर रहा। इस बीच, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कई हिस्सों में सक्रिय मॉनसून की स्थिति देखी गई।
बारिश का सबसे अधिक योगदान केरल के वायनाड से आया और यहाँ 471 मिमी वर्षा दर्ज़ की गयी, इसके बाद पलक्कड़ में 214 मिमी, वालपरई में 171 मिमी और अलवर में 61 मिमी वर्षा दर्ज की गयी।
हालांकि, देश भर के वर्षा में कमी बरक़रार है और 10% की कमी पर स्थिर है। इसी प्रकार, भारत के सभी प्रमुख क्षेत्रों में भी बारिश की कमी जारी हैं। पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में 25% कम, उत्तर पश्चिम में 4%, मध्य में 5%और दक्षिण भारत में 4% की कमी है।
अगले 24 घंटों के लिए, सक्रिय मॉनसून की स्थिति केरल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दक्षिणपूर्व राजस्थान पर होगी जो इन क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी वर्षा देगी।
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कोंकण गोवा, विदर्भ, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड के हिस्सों, ओडिशा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और तटीय आंध्र प्रदेश में सामान्य मॉनसूनी बारिश की संभावना है।
इस बीच, देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून कमजोर रहेगा।
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