पिछले 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सबसे अधिक प्रभावी हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा और केरल तथा तटीय कर्नाटक में रहा। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत में भी सक्रिय मॉनसून के चलते कुछ स्थानों पर अच्छी बारिश दर्ज की गई। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आंतरिक कर्नाटक और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मॉनसून सामान्य रहा और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा हुई। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और दक्षिणी तमिलनाडु में मॉनसून में सुस्ती देखने को मिली।
पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक वर्षा वाले स्थानों की बात करें तो हरिद्वार में सबसे अधिक 149 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। जमशेदपुर और नाहन में 104 मिलीमीटर बारिश हुई।
देश भर में बारिश कम होने से आंकड़ों में गिरावट निरंतर जारी है। 4 अगस्त तक के आंकड़ों के अनुसार बारिश 1 प्रतिशत घटकर 100 प्रतिशत से नीचे पहुँच गई है। देश के चारों प्रमुख क्षेत्रों में अब तक की बारिश का प्रदर्शन देखें तो उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 14 फीसदी अधिक और मध्य भारत में सामान्य से 2 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। जबकि दक्षिणी राज्यों में 18 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। पूर्वी भारत भी 7 प्रतिशत वर्षा से पिछड़ रहा है।
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मॉनसून की अक्षीय रेखा बीते कई दिनों से हिमालय के तराई क्षेत्रों में बनी हुई है।
इस बीछ अगले 24 घंटों के दौरान छत्तीसगढ़, इससे सटे मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश और तटीय कर्नाटक तथा केरल में मॉनसून का व्यापक प्रदर्शन जारी रहने की संभावना है। इन भागों में भारी वर्षा हो सकती है।
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इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश के शेष भागों और पूर्वोत्तर भारत में सक्रिय मॉनसून के बीच हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है। 6 अगस्त को गुजरात, राजस्थान, उत्तरी महाराष्ट्र में मॉनसून की सुस्ती संभव है। इन भागों में शुष्क मौसम देखने को मिल सकता है। जबकि देश के बाकी हिस्सों में हल्की वर्षा हो सकती है।
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