बीते 24 घंटों के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सबसे अधिक प्रभावी मध्य प्रदेश और विदर्भ में रहा। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली में मॉनसून सक्रिय रहा।
पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, मराठवाड़ा, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में भी सक्रिय मॉनसून के चलते कुछ स्थानों पर अच्छी वर्षा दर्ज की गई।
पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे अधिक बारिश वाले स्थानों का ज़िक्र करें तो खंडवा में 148 मिलीमीटर की भीषण बारिश हुई। नागपुर में 142 और नाहन में 111 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई।
बीते कुछ समय से देश के अधिकांश हिस्सों में बारिश कम होने के चलते 18 अगस्त तक देश भर में कुल बारिश का आंकड़ा घटकर सामान्य से 5 प्रतिशत नीचे पहुँच गया है। सामान्य से ऊपर चल रहा उत्तर पश्चिम भारत भी सामान्य पर आ गया है। हालांकि पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 4 फीसदी अधिक वर्षा हुई है। मध्य भारत अभी भी 10 प्रतिशत से और दक्षिण भारत 15 प्रतिशत बारिश से पीछे है।
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मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय पंजाब में फ़िरोज़पुर से हिसार, ग्वालियर, दमोह, रायपुर और ओड़ीशा पर बने निम्न दबाव के मध्य से बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून के संभावित प्रदर्शन का ज़िक्र करें तो दक्षिणी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में यह सबसे अधिक सक्रिय रहेगा और इन भागों में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है।
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जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में सामान्य मॉनसून वर्षा होने के आसार हैं। इसी तरह पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी तटीय हिस्सों में भी मॉनसून सक्रिय बना रह सकता है और हल्की से मध्यम बारिश कई जगहों पर देखने को मिल सकती है।
देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून की विशेष सक्रियता के आसार नहीं हैं।
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