असम, मेघालय, अरुणाचल, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उत्तरी ओडिशा में व्यापक रूप में सक्रिय रहा मॉनसून। इन भागों में भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात गंभीर। उत्तर प्रदेश, बिहार और लक्षद्वीप में भी मॉनसून सामान्य रहा और अच्छी वर्षा दर्ज की गई। पूर्वोत्तर भारत के शेष राज्यों, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, रायलसीमा, केरल, कर्नाटक, गुजरात, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मॉनसून सामान्य रहा और हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिली।
पूर्वोत्तर राज्यों में पिछले 24 घंटों के दौरान बेतहासा मॉनसून वर्षा के बीच चेरापुंजी में 296 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई। कूचबिहार में 247 और पासीघाट में 228 मिमी बारिश हुई।
देश भर में कुल मॉनसून वर्षा सामान्य से 3 प्रतिशत पीछे ही बनी हुई है। 10 अगस्त तक मध्य भारत में सामान्य से 3 प्रतिशत कम, पूर्वी भारत में 5 कम और दक्षिण भारत में 16 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। उत्तर भारत 10 प्रतिशत वर्षा से आगे।
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मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय अमृतसर, करनाल, बरेली, गोरखपुर, मुजफ्फरपुर और ग्वालपाड़ा में बनी हुई है। एक अन्य मॉनसून ट्रफ मुजफ्फरपुर, भागलपुर और शांतिनिकेतन होते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुँच रही है।
अगले 24 घंटों के दौरान मॉनसून का संभावित प्रदर्शन देखें तो असम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, उत्तरी बिहार और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में मॉनसून का उग्र रूप देखने को मिलेगा। इन भागों में भीषण बारिश हो सकती है जिससे पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में होंगे।
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मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और बिहार के शेष हिस्सों में भी सक्रिय मॉनसून के चलते हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, तटीय आंध्र प्रदेश, आंतरिक तमिलनाडु, कोंकण गोवा, तटीय कर्नाटक और उत्तराखंड में मॉनसून सामान्य रहेगा और कुछ स्थानों पर वर्षा दर्ज की जा सकती है।
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