दक्षिण-पश्चिम मॉनसून हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान और आंतरिक तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप में सक्रिय रहा।
कोंकण गोवा, मध्य महाराष्ट्र, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, तटीय कर्नाटक, गुजरात, ओडिशा और तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी सक्रिय मॉनसून के चलते बारिश दर्ज की गई।
पिछले 24 घंटों के दौरान पंतनगर में सबसे अधिक 85 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। आरोग्यवरम में 74 मिमी और धर्मशाला में 67 मिमी बारिश हुई।
पिछले कुछ समय से देशभर में बारिश कम हो रही है। जिससे समग्र भारत में कुल बारिश आंकड़ा घट रहा है और 30 जुलाई को यह कम होकर 102 प्रतिशत आ गया।
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उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य से 18 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। जबकि दक्षिण भारत में सामान्य से 17 प्रतिशत कम और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर भारत में 7 प्रतिशत कम वर्षा हुई।
मॉनसून की अक्षीय रेखा मध्य भारत से उत्तरवर्ती हो रही है। इस समय मॉनसून की अक्षीय रेखा अनुपगढ़, हिसार, बरेली, गया, पुरुलिया, दिघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
इसके चलते जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में अगले 24 घंटों में मॉनसून सक्रिय हो सकता है।
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पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और बिहार के कुछ भागों में सामान्य मॉनसून वर्षा होने की संभावना है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश, गुजरात, कोंकण व गोवा, उत्तरी तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिणी तटवर्ती ओड़ीशा और आंतरिक तमिलनाडु में एक-दो स्थानों पर मॉनसून वर्षा होने के आसार हैं।
झारखंड, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओड़ीशा, केरल, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक और पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून सुस्त रहेगा।
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