दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने अपनी बेरूखी दिखाते हुए पश्चिमी राजस्थान से वापसी शुरू कर दी है। इस समय मॉनसून वापसी की रेखा अनूपगढ़, नागौर, जोधपुर और बाड़मेर के पास है। उत्तर पश्चिम भारत के बाकी भागों से भी मॉनसून की वापसी के लिए स्थितियाँ अनुकूल हैं।
उत्तर पश्चिम भारत के भागों में तापमान सामान्य से ऊपर चला गया है। आर्द्रता यानि नमी के स्तर में कमी आ गई है और मौसमी हलचलों के अभाव में आसमान भी साफ है।
हालांकि पश्चिमी विक्षोभ के चलते उत्तर भारत के पर्वतीय भागों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने का अनुमान है।
देश के पूर्वी भागों में मॉनसून की सक्रियता बनी हुई है जिसके चलते पूर्वोत्तर राज्यों, उत्तरी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में कुछ स्थानों पर वर्शा का अनुमान है।
बंगाल की खाड़ी के मध्य पूर्व में एक मॉनसून सिस्टम चक्रवाती हवाओं के रूप में बन रहा है। अनुमान है कि अगले 2 दिनों में यह निम्न दबाव का रूप ले सकता है। अगर यह सशक्त होकर ज़मीनी भागों की ओर बढ़ता है तो पूर्वी तटीय भागों में अच्छी बारिश देगा।
अरब सागर में भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इधर तेलंगाना से कर्नाटक और केरल के ऊपर से होते हुए लक्षद्वीप तक एक ट्रफ बना हुआ है। इसके चलते कर्नाटक, केरल, तमिनाड़ु और आंध्र प्रदेश का प्रायद्वीपीय भारत का यह जो हिस्सा है इसमें अधिकांश जगहों पर बारिश होने की संभावना है।
तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है।
गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में मौसम मुख्यतः शुष्क ही बना रहेगा।