अण्डमान सागर के पास बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब सशक्त हो गया है। संभावना है कि यह अगले 24 घंटों में प्रभावी निम्न दबाव का क्षेत्र बन जाएगा। बाद में इसके डिप्रेशन बनने की पूरी संभावना है। यह धीरे-धीरे उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिणी तटवर्ती ओडिशा की तरफ बढ़ेगा। इसके चलते खाड़ी के द्वीपीय भागों में तेज़ हवाओं के साथ भीषण बारिश होने की आशंका है।
इसके अलावा लक्षद्वीप के पास भी एक मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है। इन दोनों सिस्टमों को एक ट्रफ जोड़ रही है। इस मौसमी परिदृश्य के चलते प्रायद्वीपीय भागों में अगले कुछ दिनों तक मॉनसून सक्रिय रहने की संभावना है। मंगलवार को तमिलनाड़ु और भीतरी कर्नाटक में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने के आसार हैं।
इन मौसमी गतिविधियों के चलते दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में हवा भी दक्षिण-पश्चिमी से बदलकर उत्तर-पूर्वी हो जाएगी।
इधर उत्तर भारत के भागों की बात करें तो यहां राजस्थान के ऊपर एक एंटी साइक्लोन बना हुआ है। इसके प्रभाव से मॉनसून उत्तर भारत से जल्द ही वापसी करेगा।
पर्वतीय भागों के पास एक नया पश्चिमी विक्षोभ आता दिखाई दे रहा है, हालांकि इसके बारिश देने की संभावना कम है।
पूर्वोत्तर भारत में बारिश में व्यापक कमी आ गई है। इन भागों में मौसम शुष्क और सुहावना बना रहेगा।
तापमान का जि़क्र करें तो उत्तर भारत के मैदानी भागों और मध्य भारत में दिन में पारा 35 डिग्री के आसपास रहेगा। सुबह और रात के समय तापमान कम्फर्ट ज़ोन में रहेगा और शीतल हवा चलेगी जिससे खुशनुमा मौसम का मज़ा लिया जा सकता है।
दूसरी राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों में अधिकतम तापमान 35 से 40 डिग्री के बीच दर्ज किया जा सकता है। जिससे इन भागों में दिन काफी गर्म होगा।