अगले कुछ दिनों तक एक बार फिर से मध्य भारत देश की मौसमी गतिविधियों का प्रमुख केन्द्र बना रहेगा।
गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र और सशक्त होने की प्रक्रिया में है। अनुमान है कि यह और प्रभावी होकर डिप्रेशन का रूप ले सकता है। बृहस्पतिवार को यह मध्य भारत और प्रायद्वीपीय भारत के बीच रहेगा। इसके प्रभाव से विदर्भ, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मध्यम प्रदेश के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है। हालांकि इसके आगे बढ़ने से ओडिशा में मॉनसूनी बारिश घट जाएगी।
इससे निकलने वाली ट्रफ के प्रभाव से तटीय कर्नाटक और कोंकण-गोवा में भी मॉनसून ज़ोरों पर है। दक्षिणी कर्नाटक और तमिलनाड़ु को छोड़कर दक्षिण भारत के षेश भागों में भी अच्छी बारिश होने के आसार हैं। इन भागों में बारिश की गतिविधयां अगले कुछ दिनों तक बनी रहेंगी।
मध्य भारत पर बने इस मौसमी हलचल के दायरे में एक-दो दिनों में गुजरात भी आ सकता है। यहां तक कि जिन भागों से मॉनसून की वापसी हो चुकी है, इस बदले परिदृष्य से उन भागों में भी कुछ बारिश देखने का मिलेगी।
इस गहरे निम्न दबाव के क्षेत्र से उत्तर भारत की हवा भी बदल गई है। यहां नमी बढ़ने से मौसम काफी परेशान करने वाला होगा, तापमान भी 35 से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है, जिसमें अगले 24 से 48 घंटों के दौरान बदलाव के आसार फिलहाल नहीं हैं।
हालांकि दिल्ली वालों के लिए अच्छी खबर यह है कि 18 सितम्बर यानि शुक्रवार की रात से यहां मौसम बदलेगा और 21 सितम्बर तक कहीं-कहीं गरज के साथ रिमझिम फुहारें लोगों को भिगो सकती हैं।
उधर पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होने की संभावना है।