हिन्द महासागर में बने मौसमी सिस्टमों के चलते उत्तर-पूर्वी मॉनसून प्रायद्वीपीय भागों में सक्रिय बना रहेगा।
श्रीलंका के तटों के पास बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में बना निम्न दबाव का क्षेत्र अब कोमोरिन और इसके आसपास पहुँच गया है। इससे एक ट्रफ निकलकर उत्तरी बंगाल की खाड़ी में पूर्वी तटों के पास बन रहे एक नए चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र तक पहुंच रही है।
इस मौसमी परिदृश्य के बीच तमिलनाडु और केरल में शुक्रवार को अच्छी बारिश होने की संभावना है। तटवर्ती आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा में भी हल्की बौछारें गिर सकती हैं।
इधर पश्चिम में अरब सागर में बना डिप्रेशन चक्रवाती तूफान का रूप ले चुका है। इसे चपाला नाम दिया गया है। यह तूफान भारत के तटों से काफी दूर निकल गया है, लेकिन इसके प्रभाव से दक्षिणी भागों में हवाएं पूर्वी रहेंगी जिससे प्रायद्वीपीय भागों में उत्तर-पूर्वी मॉनसून ज़ोर पकड़ेगा।
पूर्वी भागों का रूख करें तो यहां बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र निष्प्रभावी बन गया है। जिससे इन भागों में बारिश में व्यापक कमी आएगी और मौसम धीरे-धीरे शुष्क हो जाएगा। पूर्वोत्तर राज्यों में भी कोई विशेष मौसमी हलचल संभावित नहीं है।
राजस्थान के ऊपर एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन गया है। इसके चलते उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में हवाओं का रूख बदल गया है। हवा बदलने से इन भागों में शुक्रवार को मौसम शुष्क बना रहेगा।