पिछले कुछ दिनों से अरब सागर में बना मौसमी सिस्टम कमज़ोर होते हुए पश्चिमी तटों से दूर निकल गया है। यह अब भारतीय क्षेत्रों के लिए अप्रासंगिक बन गया है, जिससे देश के प्रायद्वीपीय भागों में बारिश की गतिविधियों में व्यापक कमी आ गई है।
हालांकि दक्षिणी राज्यों के पास अरब सागर में सोमवार से ही एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन गया है। इसके प्रभाव से केरल और तमिलनाड़ु के समुद्री किनारों के पास वाले भागों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं।
इस बीच बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों में भी एक नया चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन गया है। यह गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल में हल्की बारिश दे सकता है। इस सिस्टम का प्रभाव पूर्वोत्तर राज्यों पर भी देखा जाएगा। विशेषकर नागालैण्ड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में कुछ जगहों पर बौछारें गिरने के आसार हैं।
इधर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हिमालय के तराई वाले भागों में एक ट्रफ बनी हुई है। इस ट्रफ के आसपास के भागों में बुधवार को भी हल्की बारिश जारी रह सकती है।
उत्तर में बना पश्चिमी विक्षोभ पूर्व में आगे बढ़ रहा है, यह इस समय जम्मू-कश्मीर के पूर्वी भागों के पास है। यहां बनी ट्रफ के साथ पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव भी मिल रहा है। जिससे उत्तराखण्ड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हल्की बारिश होने की संभावना है।
इसके प्रभाव से लंबे समय से सूखी दिल्ली में भी बौछारों का एक झोंका दिल्ली वालों को देखने को मिल सकता है।
इधर राजस्थान के ऊपर बने एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन के चलते देश के पश्चिमी और मध्य भागों में मौसम शुष्क बना रहेगा।