बंगाल की खाड़ी में एक नया चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन गया है। यह धीरे-धीरे और सशक्त होगा। यह सिस्टम इस समय ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों के करीब है। यह मौसमी सिस्टम उत्तरी दिशा में आगे बढ़ेगा।
इसके प्रभावी होने के कारण ओडिशा के तटीय भागों और पश्चिम बंगाल में बारिश होने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के नागालैण्ड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में बारिश की गतिविधियां तेज़ हो सकती हैं।
दूसरी तरफ देश के पश्चिमी तटों पर अरब सागर में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अभी भी मौसम को प्रभावित कर रहा है। अनुमान है कि यह अगले 24 से 48 घंटों के दौरान और सशक्त होकर निम्न दबाव का रूप ले सकता है।
आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के ऊपर से एक ट्रफ इन दोनों मौसमी सिस्टमों को जोड़ रही है।
इन सभी मौसम हलचलों के चलते समूचे प्रायद्वीपीय भारत में बारिश जारी रहेगी। बुधवार को तटीय कर्नाटक और केरल में मध्यम से भारी वर्षा हो सकती है।
जबकि आंतरिक कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाड़ु में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। महाराष्ट्र के दक्षिणी भागों में भी हल्की बारिश हो सकती है।
राजस्थान पर एक एंटी साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है। इसके प्रभाव से उत्तर भारत के मैदानी भागों से लेकर पहाड़ों तक आसमान साफ बना रहेगा।
तेज़ धूप और शुष्क हवाओं के चलते इन भागों में तापमान में हल्की बढ़ोत्तरी का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। भले ही सुबह की शीतल हवाएं सर्दी के मौसम के आगमन की आहट देने लगी हैं।
राजस्थान के कुछ भागों में दिन में पारा 40 डिग्री के आसपास पहुंच रहा है।