अरब सागर के मध्य-पूर्व में निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे एक ट्रफ रेखा दक्षिणी तटवर्ती गुजरात तक जा रही है। इसके अलावा तमिलनाड़ु के तटीय भागों में कोमोरिन के पास भी एक ट्रफ रेखा बन रही है। इस ट्रफ रेखा से उत्तर-पूर्वी मॉनसून की नम हवाएं मिल रही हैं। इस मौसमी परिदृश्य के बीच तमिलनाड़ु के तटीय भागों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। यहां मंगलवार के बाद बारिश कम हो जाएगी। तमिलनाड़ु के पास उत्तर-पूर्वी मॉनसून के सक्रिय रहने के चलते चेन्नई में नवम्बर में अब तक 1000 मिलीमीटर से अधिक बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। इधर, केरल, तटीय कर्नाटक और मध्य महाराष्ट्र में भी कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। मध्य प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भागों तथा गुजरात के दक्षिणी जि़लों में कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की जाएगी।
मध्य भारत के बाकी भागों और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में साफ आसमान के बीच मौसम मुख्य रूप से शुष्क बना रहेगा।
उत्तर भारत की बात करें तो यहां से एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। इसके प्रभाव से जम्मू कश्मीर के ऊँचे पर्वतीय भागों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा या बर्फबारी हो सकती है। इधर मैदानी भागों में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली उत्तर प्रदेश, असम और मेघालय में धुधं और कुहासा छाए रहने का अनुमान है। बिहार, उत्तरी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर मध्यम से घना कोहरा छाने के आसार हैं।
तापमान की बात करें तो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान पारा स्थिर बना रहेगा। दिल्ली सहित इन भागों में मंगलवार से सुबह के तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिलेगी। हवाएं तापमान को काफी हद तक प्रभावित करती हैं। इस समय गंगा के मैदानी वाले भागों में शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। इन हवाओं में ठंडापन है, हालांकि उत्तर भारत में अभी पारा स्थिर है, जिसमें 2-3 दिनों के बाद गिरावट शुरू होगी।