अरब सागर के मध्य-पूर्व में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। जो अनुमान है कि धीरे-धीरे पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ेगा। जिससे इसका अधिक असर भारत के भू-भाग पर नहीं पड़ेगा। हालांकि एक ट्रफ रेखा इस सिस्टम से निकलकर गुजरात तक बन रही है। जिसके चलते महाराष्ट्र के तटीय और मध्य भागों तथा गुजरात के दक्षिणी-तटीय भागों में कुछ स्थानों पर गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है। मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद, जलगाँव और आसपास के भागों में एक-दो स्थानों पर ओले भी पड़ सकते हैं।
दक्षिण भारत खासतौर पर तमिलनाडु बीते 2 सप्ताह से असामान्य मौसमी गतिविधियों का केन्द्र रहा। हालांकि इन भागों के पास इस समय कोई बहुत प्रभावी सिस्टम नहीं है। जिससे बारिश कम हुई है। लेकिन तमिलनाड़ु के तटों के करीब बंगाल की खाड़ी एक ट्रफ रेखा बनी हुई है जिसके प्रभाव से तटीय तमिलनाड़ु में अगले 24 घंटों तक मध्यम बारिश जारी रहेगी।
शेष तमिलनाड़ु, केरल, दक्षिणी कर्नाटक, दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। 24 घंटों के बाद दक्षिणी राज्यों में बारिश कम हो जाएगी।
रूख उत्तर का करें तो उत्तर भारत के करीब से एक पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है लेकिन यह ज्यादा प्रभावी नहीं है। हालांकि इसके चलते जम्मू कश्मीर के पर्वतीय इलाकों में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्शा या हिमपात होने की संभावना है।
उत्तर भारत के शेष भागों, मध्य भारत के बाकी इलाकों और पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम साफ और शुष्क रहेगा।
बिहार, उत्तरी पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर मध्यम से घना कोहरा छाने के आसार हैं।
तापमान की बात करें तो उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में अगले 24 से 48 घंटों के दौरान पारा स्थिर बना रहेगा। दिल्ली सहित इन भागों में मंगलवार से सुबह के तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिलेगी।