बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में बना मौसमी सिस्टम डिप्रेशन का रूप ले चुका है। अनुमान है कि यह जल्द ही चक्रवाती तूफान बन सकता है। तमिलनाडु के तटों से होते हुए यह उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा।
इसके प्रभाव से तमिलनाड़ु के तटवर्ती भागों में अधिकांश जगहों पर भारी बारिश होने का अनुमान है। कुछ स्थानों पर भीशण वर्शा दर्ज की जा सकती है।
यहां तटों पर समुद्र में काफी अधिक हलचल है। जिससे समुद्र से जुड़ी किसी भी गतिविधि में काफी परेशानी आएगी। खासतौर पर मछुआरों को अब से 11 नवंबर तक यानि दीपावली के दिन तक समुद्री भागों में अपनी गतिविधियों को पूरी तरह से रोक देना चाहिए।
इसके अलावा तमिलनाडु के आंतरिक भागों, केरल, दक्षिणी कर्नाटक, रायलसीमा और दक्षिणी तटवर्ती आंध्र प्रदेश में अधिकांश जगहों पर हल्की से मध्यम जबकि कुछ स्थानों पर भारी वर्षा होने के आसार हैं।
अरब सागर में बने चक्रवाती तूफान ‘मेघ‘ की बात करें तो यह जल्द ही भीषण तूफान का रूप ले सकता है। हालांकि इसका प्रभाव भारत के तटीय भागों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह काफी दूर निकल गया है। यह येमान को कभी हिट कर सकता है।
उत्तर भारत का रूख करें तो यहां उत्तरी पाकिस्तान पर एक पश्चिमी विक्षोभ देख सकते हैं। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर वर्शा और हिमपात के आसार हैं। उत्तराखण्ड में भी कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।
इसका असर मैदानी भागों पर नहीं देखा जाएगा। हालांकि पंजाब में कहीं-कहीं आंषिक बादल छा सकते हैं और मैदानी राज्यों में रात का तापमान कुछ ऊपर जा सकता है।
पष्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। हालांकि यह मौसम को प्रभावित नहीं करेगा।
मध्य, पूर्वी और पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम साफ और शुष्क रहेगा।