चक्रवात कोमेन का लैंडफाल गुरूवार को बंग्लादेश के तटीय भागों में हुआ। इसके बाद यह कुछ कमज़ोर हुआ और डिप्रेशन के रूप में यह सिस्टम उत्तर पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। इसके चलते पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भीषण बारिश होने के आसार हैं। बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी अच्छी बारिश होने की संभावना है। बारिश के साथ 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएँ भी चल सकती हैं।
इसके चलते देश के पूर्वी क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं।
इस बीच राजस्थान और गुजरात में बारिश में कमी आने से लोग राहत की सांस ले सकते हैं। राजस्थान पर बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र अब कमज़ोर हो गया है और उत्तर की तरफ बढ़ गया है। उत्तर में यह मॉनसून की अक्षीय रेखा के साथ मिल गया है।
बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम से मॉनसून की अक्षीय रेखा का पूर्वी सिरा भी उत्तरवर्ती हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय हिमालय की तराई वाले भागों से होते हुए डिप्रेशन के बीच से बंगाल की खाड़ी तक पहुँच रही है। रेखा वाले भागों में भी बारिश होने की संभावना है।
इधर एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों की तरफ बढ़ता दिख रहा है। शुक्रवार को जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
इस पश्चिमी विक्षोभ से एक ट्रफ रेखा निकलकर मॉनसून की अक्षीय रेखा के बीच से राजस्थान पर बने निम्न दबाव के क्षेत्र तक पहुँच रही है। इसके चलते उत्तरी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। उत्तराखण्ड में भी अच्छी बारिश हो सकती है।
पश्चिती तटों पर बनी ट्रफ रेखा के प्रभाव से कोंकण-गोवा तथा कर्नाटक में मध्यम बौछारें दर्ज की जाएंगी। मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय भागों में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। केरल में शुक्रवार को भी बारिश में कमी रहेगी।