मध्य भारत में बनने वाले डिप्रेशन के चलते देश में बारिश की कमी का आंकड़ा गुरूवार तक घटकर 2 प्रतिशत पर आ सकता है। इससे मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में अच्छी बारिश हो रही है।
उत्तर में बना पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल रहा है। जम्मू कष्मीर में कुछ स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। जबकि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में हल्की वर्षा के ही आसार हैं।
मॉनसून की अक्षीय रेखा राजस्थान और बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन को जोड़ रही है। यह रेखा इस समय ग्वालियर, वाराणसी और दुमका होते हुए खाड़ी तक बनी हुई है। यह आगे भी अपनी सामान्य जगह से दक्षिण में रहेगी और जिन क्षेत्रों से गुजर रही है वहां कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा हो सकती है।
दक्षिण पश्चिमी राजस्थान पर बने सिस्टम की डिप्रेशन की क्षमता अगले 2 दिनों तक रहेगी। इसके प्रभाव से राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश और गुजरात में भारी बौछारें जारी रहेंगी। 2 दिनों के बाद यह कमज़ोर होगा और पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ेगा।
बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन भी जल्द ही और गहरा कर डीप डिप्रेशन का रूप ले सकता है और ज़मीनी भागों तक पहुँच सकता है। इसके चलते तटीय ओड़ीशा और दक्षिणी पश्चिम बंगाल में मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
यह सिस्टम अपने पूर्ववर्ती सिस्टमों की तरह ही छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश होते हुए गुजरात तक पहुंचेगा। दक्षिण पश्चिम मॉनसून इन भागों में पूरे ज़ोरों पर रहेगा।
इधर पश्चिमी तटों पर भी ट्रफ रेखा सक्रिय रहेगी। इसका प्रभाव केरल से कोंकण-गोवा तक रहेगा। कोंकण-गोवा क्षेत्र में भारी बौछारें गिर सकती हैं। जबकि कर्नाटक और महाराष्ट्र के तटों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।