दक्षिण पश्चिम मॉनसून का पश्चिमी राजस्थान सहित समूचे भारत में अब आगमन हो चुका है। जून में मॉनसून का प्रदर्शन बेहद उत्साहजनक कहा जा सकता है, हालांकि जुलाई में हो सकता है कि मॉनसून संतोषजनक ना हो।
देश के पश्चिमी किनारों के पास बनी ट्रफ रेखा निचले हिस्सों में ज्यादा सक्रिय रहेगी। जिससे कर्नाटक और केरल के तटीय भागों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। जबकि तटीय महाराष्ट्र और गुजरात में भारी बारिश अब थम गई है जिससे लोग राहत महसूस कर सकते हैं।
तमिलनाड़ु और आंध्र प्रदेश में मौसम शुष्क रहेगा।
उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार के ऊपर बने निम्न दबाव के क्षेत्र से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी बारिश हो सकती है।
इधर पश्चिम बंगाल और इससे सटे बंगलादेश पर बना निम्न दबाव का एक क्षेत्र मौसम को प्रभावित कर रहा है। इससे पश्चिम बंगाल के उत्तरी भागों, सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में भारी मॉनसूनी बारिश हो सकती है। इसके प्रभाव से ही गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल के भागों, उत्तरी ओड़ीशा और झारखण्ड में भी अच्छी बारिश हो सकती है।
बंगाल की खाड़ी के पास बना यह चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र ही निम्न दबाव का रूप ले रहा है। और इसके चलते बंगलादेश में भी भारी बारिश होगी।
देश के उत्तरी भागों की बात करें तो, दिल्ली में मॉनसून यूँ तो 25 जून को आ गया, लेकिन यहां पर बारिश की गतिविधियाँ अभी रूक गई हैं। उत्तर भारत के मैदानी भागों में अगले 3-4 दिनों के बाद ही कुछ बारिश की हम उम्मीद कर रहे हैं।
बारिश कई भागों में घट रही तो ज़ाहिर है कि पारा उपर जाएगा।
गुजरात, पश्चिमी राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अधिकतम तापमान में बढ़ोत्तरी होगी। इसके अलावा इन भागों के वातावरण में हाल की बारिश के चलते आर्द्रता बनी हुई है जिससे उमस भी बढ़ जाएगी। यानि कि अगले 3-4 दिनों के दौरान पसीने वाली गर्मी आपको कर सकती है परेषान।