देश में बारिश में कमी का आंकड़ा 6 प्रतिशत के स्तर पर बना हुआ है। हालांकि मध्य भारत में भारी बारिश जारी है।
उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है जिससे उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में कुछ स्थानों पर बारिश दर्ज की जाएगी। दिल्ली और आसपास के भागों में आंशिक बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ छिटपुट जगहों पर हल्की बारिश से अधिक की अपेक्षा फिलहाल नहीं है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय राजस्थान के बीकानेर से होते हुए बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के केन्द्र तक बनी हुई है। इसके प्रभाव से उत्तरी मध्य प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक बारिश की गतिविधियों की संभावना है।
सोमवार को बीकानेर, जयपुर, अजमेर, बूंदी, कोटा, गुना, भोपाल और कोलकाता में अच्छी मॉनसूनी बौछारें दर्ज की जा सकती हैं।
पूर्वी राजस्थान और इसके आसपास के भागों पर बना गहरा निम्न दबाव का क्षेत्र जल्द ही और गहरा कर डिप्रेशन का रूप ले सकता है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून इन भागों में पूरे ज़ोरों पर रहेगा। इस मौसमी परिदृष्य के बीच दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, पश्चिमी मध्य प्रदेश और गुजरात के कच्छ क्षेत्र में भारी बौछारें दर्ज की जा सकती हैं।
बंगाल की खाड़ी में भी बना सिस्टम अब गहरा कर डिप्रेशन का रूप ले चुका है। इसी के चलते उत्तरी तटीय ओड़ीशा और गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल में मध्यम से भारी वर्षा का अनुमान है। उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखण्ड, पश्चिम बंगाल के शेष भागों और पूर्वोत्तर राज्यों में वर्षा हल्की से मध्यम हो सकती है।
पश्चिमी तटों पर भी ट्रफ रेखा सक्रिय रहेगी। इससे केरल के लेकर कोंकण-गोवा तक भारी बारिश होगी। जबकि महाराष्ट्र के तटीय भागों पर हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान है।
मध्य भारत में पारा सामान्य से नीचे रहेगा। जबकि दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी राज्यों, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और राजस्थान के रायलसीमा क्षेत्र में दिन का तापमान सामान्य से कुछ ऊपर दर्ज किया जा सकता है।