जम्मू कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के तीनों पर्वतीय राज्यों को प्रभावित कर रहा है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय राजस्थान से बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य तक बनी हुई है। यह मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओड़ीशा से होकर गुजर रही है। इस अक्षीय रेखा वाले भागों में कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना है।
इस मॉनसून सीजन में अब तक देश भर में गुजरात सबसे सूखा रहा है। लेकिन इस समय गुजरात और इससे सटे राजस्थान के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बन गया है। जिससे राज्य में अच्छी बारिश हो रही है। गुजरात और तटीय महाराष्ट्र में गुरूवार को भी मध्यम वर्षा होने के आसार हैं।
छत्तीसगढ़ और इससे सटे ओड़ीशा पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से ओड़ीशा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ में मॉनसून सक्रिय रहेगा तथा बारिश होगी।
बंगाल की खाड़ी में भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होता दिखाई दे रहा है। पश्चिम बंगाल और झारखण्ड में गुरूवार को इसके प्रभाव से कुछ जगहों पर बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर राज्यों में कुछ स्थानों पर ही बारिश होगी।
पश्चिमी तटों पर भी ट्रफ रेखा सक्रिय रहेगी। इसके प्रभाव से पश्चिमी तटीय भागों, खासकर केरल और कोंकण-गोवा में भारी बौछारें गिरने का अनुमान है। मुंबई में बारिश कम हो जाएगी। फिर कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा जारी रह सकती है।
देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य के आसपास बना रहेगा। उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में बीते 24 घंटों के दौरान बारिश नहीं होने के कारण पारा सामान्य से ऊपर चला गया है। जो बुधवार को भी इसी स्तर पर बना रहेगा।