दक्षिण पश्चिम मॉनसून छत्तीसगढ़ के कुछ और भागों, ओड़ीशा के बाकी बचे इलाकों, पश्चिम बंगाल और झारखण्ड के कुछ और क्षेत्रों में आगे बढ़ गया है।
पश्चिमी तटों पर दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। अरब सागर में पहले से बन रहा चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में तब्दील हो गया है। हालांकि यह निम्न दबाव का क्षेत्र धीरे-धीरे पश्चिम में निकल रहा है। जिससे पश्चिमी तटीय भागों में बारिश की गतिविधियों में कमी आ सकती है। मुंबई में भी बारिश घटेगी जिससे मुंबई वालों को कुछ राहत मिलने के आसार हैं।
इधर बंगाल की खाड़ी में बना डिप्रेशन ओड़ीशा के तटीय भागों में पुरी और गोपालपुर के बीच से देष के ज़मीनी हिस्सों पर पहुँच गया है। यह पूर्वी तटों और मध्य भारत के मौसम को प्रभावित करेगा। इसके चलते तेलंगाना, छत्तीसगढ़, विदर्भ, दक्षिणी ओड़ीशा और दक्षिणी तथा पूर्वी मध्य प्रदेश में ज़ोरदार बारिश हो सकती है।
इधर उत्तरी राजस्थान और इससे सटे पंजाब के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इससे एक ट्रफ रेखा डिप्रेशन के केन्द्र तक पहुँच रही है। जिन भागों के ऊपर यह रेखा बनी हुई है, सोमवार को वहां बारिश हो सकती है। खासतौर पर पंजाब, उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश के शेष भागों में कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी।