दक्षिण पश्चिम मॉनसून देश के अधिकांश हिस्सों में सक्रिय है। मध्य प्रदेश में मॉनसून का सबसे अधिक ज़ोर है। आइए डालते हैं एक नज़र देश भर की मौसम हलचलों पर।
उत्तर भारत को एक नया पश्चिमी विक्षोभ प्रभावित कर रहा है। सोमवार को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में हल्की बारिश हो सकती है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा राजस्थान के बीकानेर और जयपुर तथा दिल्ली के दक्षिण से, डाल्टनगंज और डायमंड हार्बर होते हुए बंगाल की खाड़ी के पूर्व मध्य में पहुँच रही है। इसके प्रभाव से राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर मध्यम बारिश हो सकती है।
पश्चिमी मध्य प्रदेश और इससे सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ऊपर बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र अब निम्न दबाव का क्षेत्र बन चुका है, जिससे इन भागों में भारी मॉनसूनी बारिश जारी रहने का अनुमान है।
बंगाल की खाड़ी पर भी बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र किसी भी समय निम्न दबाव के क्षेत्र के रूप में तब्दील हो सकता है। गंगा के मैदानी वाले पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है।
देश के पश्चिमी तटवर्ती भागों पर बनी ट्रफ रेखा भी केरल से महाराश्ट्र तक सक्रिय है। इसके चलते केरल और कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान है। कोंकण-गोवा में मध्यम जबकि महाराष्ट्र और गुजरात के तटों पर हल्की वर्षा होने की संभावना है।
बारिश की गतिविधियों के चलते देश के अधिकांश भागों में पारा सामान्य या सामान्य के आसपास बने रहने की संभावना है।