इस समय अफगानिस्तान और उससे सटे उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर एक नया पश्चिमी विक्षोभ देखा जा सकता है। जो भारत के उत्तरी क्षेत्रों के करीब आ रहा है।
उत्तर भारत से बंगाल की खाड़ी तक चार चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र देखे जा सकते हैं। मॉनसून की अक्षीय रेखा इस समय उत्तरी पंजाब और गंगा के मैदानी वाले भागों से इन चक्रवाती हवाओं के मध्य से होते हुए बंगाल की खाड़ी में पहुँच रही है।
आंकलन है कि बुधवार को उत्तराखण्ड, दिल्ली, पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश तथा बिहार के तराई वाले जि़लों में अच्छी बारिश दर्ज की जाएगी।
ओडिशा के तटों के पास बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र जल्द ही सशक्त होकर निम्न दबाव का रूप ले लेगा। इसके प्रभावी होते ही अनुमान है कि मध्य भारत और देश के प्रायद्वीपीय हिस्सों में बारिश की गतिविधियाँ बढ़ जाएंगी।
बुधवार को ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पूर्वी मध्य प्रदेश और विदर्भ तथा मराठवाड़ में अच्छी मॉनसूनी बौछारें दर्ज की जा सकती हैं।
पश्चिमी तटों पर ट्रफ रेखा गोवा से केरल तक बनी रहेगी। इसके प्रभाव से पश्चिमी तटीय भागों में हल्की से मध्यम बारिश जारी रहने की संभावना है। सबसे अधिक प्रभाव कर्नाटक के तटीय जि़लों में देखने को मिलेगा जहाँ पहले से ही मध्यम से भारी बारिश हो रही है।
शेष भागों में सामान्य मॉनसून के आसार हैं।