देश में बारिश की कमी का आँकड़ा 9 प्रतिशत पर है। अगले कुछ दिनों में यह आंकड़ा और ऊपर जा सकता है।
इस बीच एक नया पशिचमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों की ओर आता दिखाई दे रहा है। उत्तर भारत के तीनों पर्वतीय राज्यों में कल कुछ स्थानों पर बारिश होने का अनुमान है।
इधर पंजाब और इसके आसपास चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा पंजाब और दिल्ली के उत्तर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, झारखण्ड और पशिचम बंगाल से होते हुए बंगाल की खाड़ी में जा रही है।
मौसमी परिदृष्य को अगर देखें तो पूर्वी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पशिचमी उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियाँ मंगलवार को भी जारी रह सकती हैं।
दक्षिण पूर्वी राजस्थान पर अरब सागर से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं और उत्तर- पश्चिमी हवाएं आ रही हैं जिससे यहां पर बारिश वाले बादल बनेंगे और इन भागों में बारिश होगी।
इधर झारखण्ड और इससे सटे भागों पर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा सकता है। हालांकि इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बारिश के रूप में देखने को मिलेगा।
दक्षिणी ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश, विदर्भ और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि इन भागों में 48 घंटों के बाद बारिश बढ़ सकती है, क्योंकि 48 घटों के बाद बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र निम्न दबाव में बदल जाएगा और ज़मीनी भागों के करीब आ सकता है।
पशीचमी तटों पर गोवा से लेकर केरल तक बनी ट्रफ रेखा इस समय बहुत प्रभावी नहीं है। पश्चिमी तटीय भागों में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होगी। जबकि मुम्बई में छिटपुट वर्षा के आसार हैं।
इधर पश्चिमी राजस्थान और गुजरात में मौसम शुष्क बना रहेगा। जबकि देश के बाकी भागों में मॉनसून के सामान्य प्रदशन के आसार हैं।