दक्षिण पश्चिम मॉनसून और सक्रिय हो रहा है। पश्चिमी प्रशांत में टाइफून्स दूर जा रहे हैं। देखते हैं भारत में दक्षिण पश्चिम मॉनसून की क्या स्थिति है और कैसा रहने वाला है इसका प्रदर्शन ।
उत्तर भारत की ओर एक नया पश्चिमी विक्षोभ पहुँचने वाला है। जिससे गुरूवार को जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश फिर से शुरू हो सकती है।
पाकिस्तान और इसके आसपास के भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार पर भी बना हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इन दोनों सिस्टमों के होकर गुजर रही है। जिसके चलते उत्तरी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, बिहार और झारखण्ड में मॉनसूनी बारिश जारी रहने की संभावना है।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और पूर्वोत्तर भारत में भी अच्छी मॉनसूनी बौछारें दर्ज की जाएंगी। बिहार से लेकर आंध्र प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। जिसके प्रभाव से झारखण्ड, ओडिशा और उत्तरी तटवर्ती ओड़ीशा के भागों में गरज के साथ बौछारें गिरने का अनुमान है।
इधर गुजरात, इससे सटे पश्चिमी मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आंतरिक भागों में मौसम मुख्य रूप से शुष्क रहने के आसार हैं। हालांकि मुंबई सहित महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
पश्चिमी तटों पर बनी ट्रफ अब सशक्त हो रही है। इसके प्रभाव से पश्चिमी तटवर्ती भागों में बारिश बढ़ सकती है। कर्नाटक से कोंकण-गोवा तक तटीय भागों में अच्छी मॉनसूनी बारिश होने की संभावना है। केरल में भी कुछ स्थानों पर वर्षा हो सकती है।
तापमान में आ रहे बदलावों की बात करें तो इस समय देश के अधिकांश हिस्सों में पारा सामान्य के आसपास है। लेकिन उत्तरी तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय भागों में तापमान सामान्य से 5 डिग्री अधिक चल रहा है।