अरब सागर के मध्य पूर्व में बना गहरा दबाव का क्षेत्र अब चक्रवात बन चुका है। इस चक्रवात को अशोबा नाम दिया गया है। स्काईमेट ने कल से ही इसकी क्षमता को देखते हुए इसके चक्रवाती तूफान का रूप अख्तियार करने की संभावना जताई थी।
इस समय यह मुंबई से पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में लगभग 500 किलोमीटर की दूरी पर है। जो उत्तर और उत्तर पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। जिससे भारत के तटीय भागों में इससे किसी तरह के नुकसान की आशंका नहीं है। लेकिन स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि हमें अगले 24 घंटों तक इसकी दिशा और गति पर नज़र बनाए रखनी होगी।
इसके प्रभाव से महाराष्ट्र और कर्नाटक के तटवर्ती क्षेत्रों में अधिकांश जगहों पर बारिश दर्ज की जा सकती है। चक्रवाती तूफान जहां से गुजर रहा है, समुद्र के उस इलाके में किसी तरह की गतिविधि खतरनाक हो सकती है।
दक्षिण-पश्चिम से चल रही हवाएं काफी आर्द्र हैं जिससे गुजरात, दक्षिणी राजस्थान और इससे सटे मध्य प्रदेश में भी अच्छी बारिश हो सकती है। इधर दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत में बारिश घटेगी। केरल में पहले से मॉनसूनी बारिश कम हो गई है।
तटीय आंध्र प्रदेश और इससे सटे ओड़ीशा पर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा में अच्छी बारिश होगी। धीरे धीरे बारिश आंध्र प्रदेश के भीतरी भागों और तेलंगाना की ओर बढ़ेगी।
मॉनसून इस समय पूर्वोत्तर राज्यों में सक्रिय है। इन भागों में मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। बंगाल की खाड़ी से आ रही आर्द्र दक्षिणी हवाओं के कारण बारिश और बढ़ सकती है।
एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ी भागों का रूख कर रहा है। इससे हम उम्मीद कर सकते हैं कि जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश होगी।
बिहार और झारखण्ड में फिर से लू का प्रकोप शुरू हो गया है। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखण्ड से सटे पश्चिम बंगाल और उत्तर भारत के मैदानी भागों में पारा सामान्य से उपर रहेगा। क्योंकि इन भागों में गर्म और शुष्क उत्तर-पश्चिमी हवाएं चल रही हैं।
दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 42 से 43 डिग्री रह सकता है। मुंबई में दिन का तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा सकता है। जबकि बंगलूरू में 30 डिग्री के साथ मौसम सुहावना बना रहेगा।