अरब सागर के पूर्व मध्य में एक गहरा दबाव क्षेत्र बना हुआ है जो धीरे-धीरे और सषक्त हो रहा है। इसके प्रभाव से बन रहे बादलों से इसके ट्राॅपिकल स्टाॅर्म के रूप में बदलने के आसार हैं। स्काईमेट का अनुमान है कि इसके ट्रोपिकल स्टोर्म का रूप अख्तियार करने की काफी प्रबल संभावना है, जिससे अशोबा नाम दिया जाएगा।
इसके प्रभाव से कर्नाटक और महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्रों और मध्य महाराष्ट्र के भागों में प्री-मॉनसून बारिश हो सकती है।
इधर केरल में बारिश कम हो गई है, लेकिन 2-3 दिनों के बाद यहां फिर से बारिश बढ़ने का अनुमान है।
इस बीच आंध्र प्रदेश के तटवर्ती इलाकों और ओड़ीशा के उपर भी एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा सकता है, इसके प्रभाव के तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा में अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है।
बिहार और झरखण्ड के ऊपर भी चक्रवाती हवाएं बनी हुई हैं। इससे एक ट्रफ रेखा छत्तीसगढ़, विदर्भ और तेलंगाना होते हुए आंध्र प्रदेश तक बनी हुई है। इस रेखा के आसपास अनुमान है कि बादलों की गर्जना होगी और सामान्य से कुछ अधिक गति से हवाएं चलेंगी।
इधर पूर्वोत्तर राज्यों में मोसून सक्रिय है। पूर्वोत्तर राज्यों में एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होगी। कहीं-कहीं मूसलाधार वर्षा भी हो सकती है।
उत्तर भारत का रूख करते हैं। जहां मौसम शुष्क है और पारा लगातार उपर जा रहा है।
पहाड़ों पर भी मौसम शुष्क ही रहेगा क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ आगे निकल चुका है।
दिल्ली में सोमवार को अधिकतम तापमान 42 से 43 डिग्री रह सकता है। मुंबई में दिन का तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा सकता है। जबकि बंगलूरू में 30 डिग्री के साथ मौसम सुहावना बना रहेगा।