मध्य भारत में फिर से अच्छी मॉनसूनी गतिविधियां हो रही हैं जिसके चलते देश में बारिश की कमी का आंकड़ा दोबारा घटकर कल 6 प्रतिशत पर आ सकता है। दक्षिण भारत में रूक-रूक कर बारिश हो रही है लेकिन मॉनसून ने दक्षिणी भागों को उपेक्षित रखा है। आगे भी इसमें सुधार के आसार कम हैं।
जम्मू कश्मीर पर बना पश्चिमी विक्षोभ उत्तर के पहाड़ों पर कुछ बारिश दे सकता है। पंजाब और उससे सटे भागों पर और मध्य प्रदेश के भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मॉनसून की अक्षीय रेखा इन दोनों सिस्टमों के मध्य से पुरी होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
इन दोनों निम्न दबाव के क्षेत्रों के बीच वाले भागों, विषेशकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में अच्छी बारिश होने के आसार हैं।
जबकि मध्य प्रदेश और उससे सटे गुजरात तथा महाराष्ट्र में मॉनसून गुरूवार को भी ज़ोरों पर रहेगा। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ भागों में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई है।
आंध्र प्रदेश से तमिलनाड़ु तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है। कल तटवर्ती आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, तेलंगाना और तटीय तमिलनाड़ु में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की जा सकती है।
इधर पश्चिमी तटों पर मौसम में कोई विषेश हलचल नहीं होगी। हालांकि यहां केरल से लेकर कोंकण गोवा तक तटीय क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की आशा है।