बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य और उससे सटे बंगलादेश के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र देखा जा सकता है। इसके प्रभाव से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, नागालैण्ड, मणिपुर, मिज़ोरम और त्रिपुरा में अधिकांश जगहों पर बारिश होने की संभावना है।
इधर उत्तर भारत के करीब एक पश्चिमी विक्षोभ पहुँचने वाला है। यह इस समय उत्तरी पाकिस्तान पर है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा इस पश्चिम में हिमालय के तराई वाले भागों में बनी हुई है। इन दोनों के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखण्ड में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश देखने का मिल सकती है।
मॉनसून रेखा का पूर्वी सिरा बिहार के पास से दो भागों में हो गया है। एक सिरा पूर्वोत्तर राज्यों तक जबकि दूसरा बिहार और पश्चिम बंगाल के ऊपर से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है।
इसके चलते बिहार, असम, अरूणाचल प्रदेश और मेघालय में अच्छी मॉनसूनी बारिश दर्ज की जा सकती है। पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्सों और सिक्किम में मूसलाधार वर्षा का अनुमान है।
दक्षिण भारत के मौसम की बात करें तो रायलसीमा से तमिलनाड़ु होते हुए म्यांमार की खाड़ी तक एक ट्रफ बन रही है। मौसम का यह परिदृश्य दक्षिणी रायलसीमा, तमिलनाड़ु, केरल और दक्षिणी आंतरिक केरल में अधिकांश जगहों पर अच्छी मॉनसून बारिश का संकेत दे रहा है।
दूसरी ओर दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी भागों में मौसम शुष्क रहेगा। जबकि देश के बाकी बचे भागों में कुछ स्थानों हल्की बारिश देखने का मिल सकती है।
बारिश नहीं होने और आसमान साफ होने से उत्तर भारत के भागों में पारा सामान्य से अधिक बना रहेगा। और दिन में गर्मी से राहत नहीं होगी।