दक्षिण पश्चिम मॉनसून अपने आखिरी पड़ाव पर आ गया है। सितम्बर में औसत बारिश जुलाई और अगस्त से कम होती है। इसलिए सितंबर में मामूली और असंतुलित बारिश की आषंका है।
एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर के ऊपर बना हुआ है। हालांकि यह बहुत प्रभावी नहीं है। इसलिए उत्तर के पर्वतीय भागों में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है।
मॉनसून की अक्षीय रेखा पश्चिम में हिमाचल प्रदेश से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों तक उत्तरवर्ती ही रहेगी। हिमालय की तराई में होने के कारण यह शिथिल है। जिससे उत्तर भारत के मैदानी भागों में बारिश नहीं हो रही है। अधिकतम तापमान इस समय सामान्य से 2-3 डिग्री ऊपर बना रहेगा।
मॉनसून इस समय सबसे अधिक प्रभावी पूर्वोत्तर राज्यों में है। इन भागों में बुधवार को भी मॉनसून ज़ोरों पर रहेगा। बिहार और झारखण्ड के ऊपर बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, अरूणाचल प्रदेश और मेघालय में व्यापक रूप में बारिश जारी रहने की संभावना है। हालांकि बारिश की तीव्रता में कुछ कमी ज़रूर रहेगी। बाढ़ प्रभावित असम में हल्की बारिश हो सकती है।
यहाँ से बनी ट्रफ पश्चिम बंगाल और ओडिशा के ऊपर से आंध्र प्रदेश तक जा रही है। इन राज्यों में भी इस ट्रफ रेखा के आसपास के भागों में अच्छी बारिश दर्ज की जा सकती है।
दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, केरल और तमिलनाड़ु में मुख्यतः शुष्क मौसम देखने को मिलेगा।
जबकि पश्चिमी तटों के साथ देश के बाकी बचे भागों में हल्की बारिश होने का अनुमान है।