जुलाई में मॉनसून की सुस्त शुरूआत के बावजूद इस महीने सामान्य बारिश होगी।
इस समय हम देख सकते हैं, पश्चिमी विक्षोभ पूर्व की ओर आगे बढ़ रहा है। लेकिन अभी भी इसके प्रभाव से उत्तर के पर्वतीय राज्यों में हल्की बारिश के आसार हैं। उत्तराखण्ड में अच्छी बारिश हो सकती है।
उत्तरी राजस्थान और इससे सटे पाकिस्तान पर चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना रहेगा। इसके चलते पंजाब और हरियाणा में हल्की वर्षा की संभावना से इंकार नहीं नहीं किया जा सकता।
इधर उत्तर प्रदेश पर निम्न दबाव अब कमज़ोर हो गया है। लेकिन इसमें अभी भी इतनी क्षमता है कि यह पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के तराई वाले भागों में अच्छी बारिश दे सकता है।
पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसूनी बारिश की झड़ी में रूकावट आने के आसार फिलहाल नहीं हैं।
इसके अलावा बंगाल की खाड़ी के उत्तर में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के चलते तटीय ओड़ीशा, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के तटीय भागों पर अच्छी मॉनसूनी बारिश हो सकती है।
इसके अलावा मॉनसून की अक्षीय रेखा जिन भागों पर बनी हुई है वहां भी अच्छी बौछारें गिर सकती हैं।
मध्य भारत में गुजरात से लेकर महाराष्ट्र और इससे सटे मध्य प्रदेश के भागों में गुरूवार को मौसम शुष्क रहने के आसार हैं।
हालांकि पश्चिम में गुजरात के तटों से लेकर केरल तक बनी ट्रफ रेखा के चलते कोंकण-गोवा और कर्नाटक में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। केरल में कुछ स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।