अक्टूबर के पहले सप्ताह में मौसम में काफी बदलाव देखने को मिला है। इस दौरान दिल्ली और इससे सटे एनसीआर क्षेत्रों में जोरदार बारिश और गरज-चमक के साथ हुई है। जिसमें सबसे ज्यादा बारिश 6 अक्टूबर को हुई, जब पालम में 53 मिमी वर्षा दर्ज की गई। सिर्फ दिल्ली ही नहीं, बल्कि उत्तर-पश्चिम भारत के कई हिस्सों में भी इसी तरह का मौसम रहा, जिससे दिन और रात के तापमान में काफी गिरावट आई है।
पश्चिमी हिमालय में हुई बर्फबारी से बढ़ी ठंडक
इस दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में अच्छी बर्फबारी हुई, जिसने मैदानों के मौसम पर भी असर डाला। पहाड़ों से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में ठंडक और अधिक महसूस की गई।
राजस्थान में एंटी-साइक्लोन बना, बदली हवाओं की दिशा
वर्तमान में पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक प्रतिचक्रवात (Anticyclone) विकसित हो गया है। इसके कारण उत्तर-पश्चिमी हवाएँ दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में बह रही हैं। वहीं, जो पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) पहले इस क्षेत्र को प्रभावित कर रहा था, वह अब समाप्ति की ओर है।
अब रहेगा साफ आसमान और बढ़ेंगे दिन के तापमान
इन बदलावों के चलते आने वाले दिनों में उत्तर-पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में आसमान साफ रहेगा, इन हिस्सों में दिल्ली भी शामिल है। धूप खिलने से दिन के तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी, जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य स्तर के आसपास, यानी 19 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहेगा।
सर्द हवाओं के बीच दिन गर्म, रातें सुहानी
8 अक्टूबर को सफदरजंग वेधशाला में अधिकतम तापमान 26.5°C दर्ज किया गया, जो सामान्य से 7.7°C कम था। हालांकि, अब मौसम साफ होने और धूप निकलने से तापमान बढ़कर अगले एक हफ्ते में 33 से 34°C तक पहुंच सकता है। इस दौरान किसी बड़े मौसमीय बदलाव की संभावना नहीं है। दिन हल्के गर्म और आरामदायक रहेंगे, जबकि रातें ठंडी और सुहानी होंगी यानी दिल्ली-एनसीआर में मानसून के बाद के मौसम की शुरुआत हो चुकी है।
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