[Hindi] जतिन सिंह, एमडी, स्काइमेट: इस सप्ताह मॉनसून वर्षा मध्य और पूर्वी भारत में रहेगी सीमित | दिल्ली-एनसीआर, हरियाणा और पंजाब में सप्ताह के आखिर में अच्छी बारिश के आसार | मुंबई में मध्यम से हल्की बारिश होगी जबकि दक्षिण भारत में कमजोर रहेगा मॉनसून

September 2, 2019 3:09 PM | Skymet Weather Team

यह सप्ताह मॉनसून के आखिरी महीने की शुरुआत का समय है। देश भर में पिछले तीन महीनों में सामान्य मॉनसून वर्षा रिकॉर्ड की गई है। सामान्य बारिश का आरंभ जुलाई के दूसरे सप्ताह से हुआ जो अगस्त में भी जारी रहा और इसने जून में कमजोर मॉनसून के कारण बारिश में जो कमी रही गई थी उसकी भरपाई भी कर दी।

स्काइमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार भारत में 1 जून से 1 सितंबर के बीच 716.9 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। पिछले सप्ताह भी मध्य भारत देश का सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र रहा। यहाँ बारिश सामान्य से 12% ऊपर है। पूर्वोत्तर भारत देश का सबसे अधिक वर्षा वाला क्षेत्र है, जहां मॉनसून सीज़न में सबसे अधिक बारिश रिकॉर्ड की जाती है लेकिन साल 2019 के मॉनसून सीज़न में पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों के लिए मॉनसून ने कम बारिश के रूप में सबसे अधिक चुनौती दी है। यहाँ बारिश सामान्य से 19% कम हुई है।

Read In English: MD SKYMET, JATIN SINGH: MONSOON TO BE LIMITED TO EAST AND CENTRAL INDIA, INTENSE MONSOON ACTIVITY IN DELHI NCR, HARYANA AND PUNJAB IN SECOND HALF OF THE WEEK

स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था, पिछले सप्ताह से मॉनसून में सुस्ती आई है। हालांकि इस दौरान भी मध्य भारत में बारिश होती रही। देश भर में पिछले सप्ताह औसत से कम बारिश रिकॉर्ड की गई थी। इसमें दक्षिण भारत में बहुत कम बारिश हुई क्योंकि यहाँ मॉनसून में सबसे अधिक सुस्ती देखने को मिली। ऐसी ही स्थितियाँ इस सप्ताह भी जारी रहने की संभावना है।

मॉनसून देश के कुछ ही हिस्सों पर रहेगा सक्रिय

इस सप्ताह दो मॉनसून सिस्टम एक साथ विकसित हो सकते हैं। एक कमजोर निम्न दबाव का क्षेत्र पश्चिमी मध्य प्रदेश और इससे सटे राजस्थान पर बनेगा जिससे इन भागों में थोड़ी बारिश हो सकती है।

एक अन्य मॉनसून सिस्टम बंगाल की खाड़ी में बनेगा, जो फिलीपींस की तरफ से आ रहे चक्रवाती तूफान पोदुल के प्रभाव से विकसित होगा। यह सिस्टम भी पिछले मॉनसून सिस्टमों की तरह मध्य भारत में ही जाएगा। इसका प्रभाव ओड़ीशा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश से लेकर राजस्थान और गुजरात तक देखने को मिलेगा। यही नहीं इसके प्रभाव से उत्तरी आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में भी कुछ स्थानों पर बारिश देखने को मिलेगी।

पंजाब के कुछ भागों, हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर में इस सप्ताह के आखिरी दिनों में कुछ स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। इसी दौरान उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के निचले इलाकों में भी भारी मॉनसून वर्षा होने के संकेत मिल रहे हैं।

पश्चिमी तटों पर पिछले कुछ दिनों से बारिश नहीं हो रही थी। अब मॉनसून की चाल बदलेगी और पश्चिमी घाट पर अधिकांश हिस्सों में बारिश देखने को मिलेगी। दक्षिण भारत के बाकी भागों में इस सप्ताह भी बहुत कुछ नहीं बदलेगा। चेन्नई सहित अधिकांश इलाकों में मॉनसून कमजोर रहेगा और हल्की बारिश से अधिक की उम्मीद नहीं की जा सकती है। पूर्वोत्तर भारत में बहुत अधिक बारिश की संभावना नहीं है।

मुंबई में मध्यम बारिश

देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पिछले एक पखवाड़े में बहुत भारी बारिश नहीं हुई है। इस सप्ताह मुंबई में मध्यम से हल्की बारिश की संभावना है

फसलों पर प्रभाव

इस समय देश में ज़्यादातर खरीफ फसलों में फूल निकल रहे हैं और दाने बन रहे हैं। ऐसी स्थिति में हल्की-हल्की मॉनसूनी फुहारें फसलों के लिए काफी फायदेमंद साबित होती हैं। फसलों की इस अवस्था में अच्छी बारिश से अच्छी उत्पादकता की संभावना रहती है। लेकिन जहां मिट्टी में नमी अधिक है वहाँ भारी बारिश से फसलें चौपट हो सकती हैं।

Image credit: OneIndia

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