सोमवार, 30 सितंबर मॉनसून सीज़न का आधिकारिक रूप से आखिरी दिन है। 2019 के मॉनसून सीज़न का अंत सामान्य से अधिक बारिश के साथ हुआ है। मॉनसून की वापसी में इस साल काफी विलंब हो रहा है। आमतौर पर जहां पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून के लौटने का क्रम सितंबर के पहले पखवाड़े में शुरू हो जाता है वहीं इस बार इसके अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में लौटने की संभावना है।
स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था, पूर्वी भारत में बारिश में कमी के आंकड़ों में सुधार हुआ है और अब यह 15% पर आ गया है। दक्षिण भारत में सक्रिय मॉनसून के चलते बारिश में 3% की वृद्धि हुई है। मध्य भारत को सबसे अधिक बारिश देखने को मिली है। यहाँ अब बारिश सामान्य से 27% अधिक है। स्काइमेट के पास उपलब्ध बारिश के आंकड़ों के अनुसार देश में 1 जून से 29 सितंबर के बीच दीर्घावधि औसत 877 मिमी बारिश की तुलना में 956 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य से 9% ज़्यादा है।
मॉनसून के इस सप्ताह वापस लौटने की कोई संकेत नहीं
बिहार, इससे सटे पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड में पिछले सप्ताह मूसलाधार बारिश हुई थी। इस सप्ताह इन भागों में तेज़ बारिश में व्यापक कमी आएगी। हालांकि बिहार के साथ-साथ झारखंड और पश्चिम बंगाल में मध्यम बारिश की संभावना बनी रहेगी।
मध्य भारत पर बने मॉनसून सिस्टम के चलते पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओड़ीशा मध्यम बारिश के आसार हैं। मध्य प्रदेश में इस साल सबसे ज़्यादा बारिश हुई है। पश्चिमी भागों में सामान्य से 61% अधिक तो पूर्वी मध्य प्रदेश में 24% ज़्यादा वर्षा हुई है। राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में हल्की से मध्यम बारिश अगले कुछ दिनों तक बनी रहेगी लेकिन सप्ताह के आखिर में इसमें कमी आएगी।
गुजरात में सप्ताह के शुरुआती दो दिनों तक बारिश होगी उसके बाद बारिश कम हो जाएगी। हालांकि हल्की गतिविधियां बनी रहेंगी। गुजरात में इस बार मॉनसून वर्षा सामान्य से 39% अधिक हुई है। राज्य का कोई भी इलाका अच्छी बारिश से छूता नहीं है।
दक्षिण भारत में सप्ताह के शुरुआती दिनों में हल्की बारिश होगी। सप्ताह के दूसरे भाग में बारिश बढ़ जाएगी। इस बारिश से कर्नाटक और आंतरिक तमिलनाडु में सबसे मुख्यतः बारिश होगी। हालांकि मॉनसून अभी भी वापसी के संकेत नहीं दे रहा है। यह मॉनसून सीज़न का आधिकारिक अंत हो गया है।
दिल्ली-एनसीआर में बारिश पीछे, मुंबई में सामान्य से अधिक बारिश
राष्ट्रीय राजधानी और देश की आर्थिक राजधानी में मॉनसून का प्रदर्शन बिलकुल विपरीत रहा है। इससे भारतीय मॉनसून की विविधता का अनुमान लगाया जा सकता है। दिल्ली में इस साल सामान्य से 35% कम बारिश हुई। चार मॉनसून महीनों में केवल जुलाई में सामान्य वर्षा रिकॉर्ड की जा सकी है। जबकि जून और सितंबर में दिल्ली को मॉनसून ने निराश किया। हालांकि दिल्ली और एनसीआर में इस सप्ताह के आखिरी तीन-चार दिनों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना दिख रही है।
दूसरी ओर मुंबई में मॉनसून 2019 में सामान्य से काफी अधिक बारिश हुई है। जून में मुंबई में बहुत ज़्यादा बारिश आमतौर पर नहीं होती है लेकिन इस बार देर से पहुँचने के बाद भी मुंबई को मॉनसून ने जमकर भिगोया और सामान्य 493 मिमी की तुलना में 509 मिमी की अच्छी बारिश दी। हालांकि मुंबई के लिए यह कोई बड़ी बात नहीं है। जहां एक तरफ देश के बाकी हिस्सों में मॉनसून का प्रदर्शन कमजोर होता है वहाँ मुंबई में प्रायः अच्छी बारिश हो जाती है। इस बार कहानी कुछ ज़्यादा ही अलग थी क्योंकि मुंबई में सामान्य से 60% ज़्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है।
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