स्काइमेट ने पिछले सप्ताह के लिए जैसा अनुमान लगाया था मध्य प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ की विभीषिका देखने को मिली। गुजरात और पूर्वी राजस्थान में भी सामान्य से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके साथ मध्य भारत में बारिश का आंकड़ा बढ़ते हुए सामान्य से 23% ऊपर पहुँच गया। यानि बीते सप्ताह भी मॉनसून का सबसे अधिक प्रभाव मध्य भारत पर ही देखने को मिला।
दूसरी ओर पंजाब और हरियाणा सहित उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बीते पूरे सप्ताह मौसम मुख्य दर्शक बना रहा है। इसके चलते बारिश में कमी उत्तर पश्चिम भारत के इलाकों में 8% रही इसी तरह पूर्वी तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भी बारिश कम हुई है। पूर्वोत्तर राज्य में सबसे कम वर्षा इस साल मॉनसून सीजन में मणिपुर में हुई है उसके बाद नागालैंड और मेघालय में भी बारिश में काफी कमी देखने को मिली है।
पिछले सप्ताह हुई बारिश में कमी या अधिकता के बाद अब देशभर में बारिश सामान्य से 4% ऊपर पहुंच गई है। कैमेट के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर 15 सितंबर के बीच भारत में कुल 841.4 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है जो सामान्य वर्षा यानी 807.4 मिलीमीटर से ज्यादा है।
मॉनसून 2019 बारिश में कमी
मॉनसून की वापसी 20 सितंबर से हो सकती है शुरू
इस सप्ताह बाढ़ की आशंका देश के अधिकांश भागों में फिलहाल नहीं है। मध्य प्रदेश में जारी मूसलाधार वर्षा में भी कमी आने की संभावना है लेकिन दूसरी ओर देश के पूर्वी भागों में मॉनसून की हलचल पड़ सकती है। उत्तर प्रदेश और बिहार में मध्यम तीव्रता की बारिश जारी रहने की संभावना है खासकर इस सप्ताह के शुरुआती तीन चार दिनों के दौरान।
कोंकण व गोवा क्षेत्र में अधिकांश स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होने की संभावना है। दूसरी तरफ केरल और तटीय कर्नाटक में मॉनसून कमजोर रहेगा और बारिश की गतिविधियां बहुत ज्यादा नहीं होंगी। तमिलनाडु, रायलसीमा और आंतरिक कर्नाटक में सामान्य मॉनसून वर्षा की संभावना है। एक-दो स्थानों पर भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी मध्यम बारिश हो सकती है।
महाराष्ट्र के अधिकांश भागों में 19 से 21 सितंबर के बीच भारी वर्षा हो सकती है। राज्य के तटीय भागों यानी कोंकण गोवा क्षेत्र में सप्ताह के आखिरी दिनों में तेज बारिश के आसार हैं। आशंका है कि कुछ स्थानों पर जलभराव की स्थिति देखने को मिल सकती है कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसी संभावना भी बनती है। मुंबई में मध्यम से हल्की वर्षा इस सप्ताह रुक-रुक कर होती रहेगी। सप्ताह की दूसरे चरण में देश की आर्थिक राजधानी में भारी वर्षा भी कहीं-कहीं पर हो सकती है।
पश्चिमी राजस्थान पर जल्द ही एक विपरीत चक्रवाती क्षेत्र विकसित हो सकता है, जो मॉनसून की वापसी का एक प्रमुख कारण होगा। हमारा आकलन है कि मॉनसून विदाई की राह पर 20 सितंबर से निकलेगा और एक साथ पश्चिमी राजस्थान के अलावा पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश से भी अलविदा कहेगा।
दिल्ली-एनसीआर में छिटपुट बारिश
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में साल 2019 में मॉनसून बहुत कमजोर रहा है बारिश काफी कम देखने को मिली है इस सप्ताह दी बहुत अधिक वर्षा की उम्मीद नहीं है। लेकिन हवाओं में नमी बरकरार रहेगी जिसके चलते कुछ स्थानों पर रुक-रुक कर बारिश हो सकती है जाहिर है इससे गर्मी से लोगों को राहत मिलेगी।
फसलों पर प्रभाव
मध्य प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश के कारण खासकर पश्चिमी इलाकों में उड़द और मूंग की 20 से 40% फसल नष्ट हो गई है। बात जहां तक सोयाबीन की फसल की है तो अभी तक स्थिति ठीक है लेकिन अगर आने वाले दिनों में बारिश होती है तो यह सोयाबीन फसल के लिए ठीक नहीं होगी। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में संभावित बारिश फसलों के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती है।
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