स्काइमेट ने जैसा अनुमान लगाया था पिछले सप्ताह देश के कई इलाकों में खराब मौसम के कारण फसलें खराब हुई हैं। यह किसानों के लिए चिंताजनक स्थिति है क्योंकि किसान कुछ ही हफ्तों में फसलों को काटने की तैयारी कर रहे थे। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। इन राज्यों में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि भी दर्ज की गई। पंजाब के माजा क्षेत्र में, विशेष रूप से अमृतसर के बाहरी इलाके में फसलें ज़मीन पर लेट गई हैं।
मध्य प्रदेश के सिंगरौली, सिवनी और मुरैना जिलों के भी कई गाँवों में भारी ओलावृष्टि से फसलों के नष्ट होने की ख़बरें हैं। इस बेमौसमी बरसात ने गेहूं, चना और सरसों सहित अनेक खड़ी रबी फसलों को व्यापक रूप में नुकसान पहुँचाया है। पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के प्रभावित क्षेत्र में नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इसके अलावा ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों में भी कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि के साथ अत्यधिक वर्षा से फसल खराब हुई है।
COVID- 19 ने दुनिया के अन्य देशों की तरह ही भारत के लिए गंभीर चिंता पैदा कर दी है। कोरोना वायरस ने होली के उत्सव में रंग में भंग डालने का काम किया है। रविवार को केरल में 5 और लोगों लोगों में कोरोना की पुष्टि हुई है। इसके साथ भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 40 को पार कर गई है। उनमें से अधिकांश लोग उन देशों की यात्रा करते रहे हैं जहां कोरोना महामारी बन चुका है। अब तक विश्व में कुल एक लाख सात हजार कोरोना के मामले पाये गए हैं।
मौसम की स्थिति को कोरोना वायरस से सीधे तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है। अनुकूल मौसम के चलते यह वायरस लंबे समय तक ज़िंदा रहता है। यह माना जा रहा है कि इस तरह के वायरस अधिक गर्मी होने पर जल्द नष्ट हो सकते हैं। साथ ही गर्मी बढ़ने पर इसके प्रसार में भी कमी आएगी।
दक्षिण भारत में प्री-मॉनसून की स्थितियाँ शुरू हो गई हैं। अधिकतम तापमान 35 डिग्री या उससे भी ऊपर पहुँच रहा है। ऐसे में यह वायरस अधिक समय तक जीवित नहीं बचेगा। जबकि देश के उत्तर और पूर्वी हिस्सों में मौसम में धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है। वसंत ऋतु का आगमन हो गया है और प्री-मॉनसून की स्थितियाँ अब तक देखने को नहीं मिल रही हैं। बल्कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हो रही है जिससे अभी भी कई इलाकों में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी नीचे चल रहा है और सर्दी पड़ रही है। जिस तरह से उत्तर भारत में हर दिन कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं, यह मौसमी स्थिति बेहद चिंताजनक है।
कोरोना वायरस पहली बार अस्तित्व में आया इसलिए, इसकी क्षमता या प्रकृति के बारे में ठीक-ठीक पता नहीं है। इसलिए अभी यह भी अनिश्चित है कि कोरोना वायरस गर्मी बढ़ते ही नष्ट हो जाएगा या नहीं। इसलिए लोगों को बेहद एहतियात बरतने की ज़रूरत है। जब तक कोरोना पूरी तरह से ख़त्म ना हो जाए तब तक बेहद सतर्क रहें।
English Version: MD Skymet, Jatin Singh: Weather not to be blamed but CORONAVIRUS as a damper to Holi 2020, Skymet issues an alert against avalanches for the hills
किसानों की चिंता
इस समय जिस तरह की बेमौसम बरसात हो रही है, उससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों की इच्छा होगी कि बम्पर फसल तभी होगी जब मौसम कटाई और मड़ाई तक मौसम शांत रहे। लेकिन वर्तमान स्थितियों और आने वाले दिनों में संभावित खराब मौसम को देखते हुए ऐसा लगता है जैसे इंद्र देव रूठे हुए हैं। जल्द ही उत्तर, पूर्वी और मध्य भागों में अगले दो हफ्तों के दौरान भी बेमौसम बरसात के संकेत मिल रहे हैं। इससे 2020 का यह मार्च महीना हाल के वर्षों में सबसे अधिक बारिश वाला महीना हो सकता है। दूसरी ओर 9 मार्च से शुरू होने वाले सप्ताह में गुजरात, महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों और प्रायद्वीपीय भारत में कम से कम बारिश होगी।
उत्तर भारत
हरियाणा और पंजाब में मार्च के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश हुई थी। पहले हफ्ते में हरियाणा 653% और पंजाब में 140% अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। अब 10 मार्च 2020 को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आने वाला है। इस सिस्टम के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में 10 से 14 मार्च के बीच कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। पंजाब और हरियाणा में बारिश 12 और 13 मार्च को जबकि उत्तर प्रदेश में 13 और 14 मार्च को अपने चरम पर होगी।
पहाड़ी राज्यों में 11 से 14 मार्च के बीच बारिश और बर्फबारी की उम्मीद है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश 12 और 13 मार्च को अच्छी वर्षा व हिमपात के आसार हैं। जबकि उत्तराखंड में 14 मार्च को अच्छी वर्षा हो सकती है। स्काईमेट ने 11 से 15 मार्च के बीच पहाड़ों पर हिमस्खलन की चेतावनी जारी की है।
पूर्वी और उत्तर-पूर्व भारत
समूचे पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में भी इस सप्ताह भी बारिश की संभावना है। इस क्षेत्र में 9 और 10 मार्च को कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा की उम्मीद है। उसके बाद बारिश बढ़ेगी। 11 मार्च से सप्ताह के अंत तक मध्यम बारिश, बादलों की तेज़ गर्जना, ओलावृष्टि और वज्रपात यानि बिजली गिरने जैसी स्थितियाँ देखने को मिल सकती हैं। यह लगातार तीसरा सप्ताह होगा जब पूर्वी भारत में बारिश हो रही है। 14 मार्च को बिहार, झारखंड, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के बड़े हिस्सों में तेज़, बारिश, आंधी-तूफान के साथ ओले गिरने और बिजली गिरने की आशंका है।
मध्य भाग
9 से 14 मार्च के बीच विदर्भ, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। 13 और 14 मार्च को छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और ओडिशा के उत्तरी भागों में बिजली कड़कने और गरज के साथ तेज आंधी चलने के आसार हैं। दूसरी ओर गुजरात, पश्चिमी मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्र में ज्यादातर स्थानों पर पूरे सप्ताह मौसम शुष्क रहेगा।
दक्षिण प्रायद्वीप
दक्षिण भारत में इस सप्ताह विशेष बारिश की संभावना नहीं है। तेलंगाना, तटीय आंध्र प्रदेश, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तेलंगाना में सप्ताह के शुरुआती दिनों में एक-दो स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की बारिश होती रहेगी। रायलसीमा, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु में पूरे सप्ताह मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। तमिलनाडु के बढ़ते तापमान और शुष्क मौसम के चलते तमिलनाडु के अधिकांश इलाकों में सप्ताह के मध्य से तापमान में तेज़ वृद्धि होगी। मदुरई, त्रिची, तंजावुर, सलेम और करूर जैसे अंदरूनी शहरों में पारा 40 डिग्री को भी पार कर सकता है।
दिल्ली एनसीआर
दिल्ली में मार्च महीने में औसतन 15.9 मिमी बारिश होती है। जबकि शुरुआत एक सप्ताह के भीतर ही राष्ट्रीय राजधानी में औसत से तकरीबन चार गुना अधिक वर्षा हो चुकी है। दिल्ली में फिर से 10 से 12 मार्च के बीच बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। एनसीआर में भी 10 से 13 मार्च के बीच बारिश के आसार हैं। अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 25 से 26 और 13 से 15 डिग्री के बीच बना रह सकता है।
चेन्नई
तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में मार्च का महीना आमतौर पर सूखा ही रहता है। इस सप्ताह चेन्नई में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ मौसम गर्म रहेगा। उमस भी बढ़ जाएगी। बारिश की उम्मीद नहीं है। अधिकतम और न्यूनतम क्रमशः 35 और 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेंगे।
Image credit: The Week
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