बीते सप्ताह देश के उत्तरी, पूर्वी और मध्य भागों में कई स्थानों पर मौसम का उग्र रूप दिखा। बिगड़े मौसम के कारण फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा के साथ तेज हवाओं और ओलावृष्टि ने कहीं-कहीं पर रबी फसलों को चौपट कर दिया है। अमृतसर, पटियाला, लुधियाना, पठानकोट, फाजिल्का, होशियारपुर, अंबाला और करनाल में 10 व 11 मार्च को भीषण बारिश दर्ज की गई।
राजस्थान में किसानों को दोहरी मार पड़ी है, जहां इससे पहले टिड्डियों के हमले में फसल नष्ट हुई थी, वहीं गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और फलोदी जैसे जिलों में बेमौसम बरसात ने किसानों को परेशान किया है। इसी तरह मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी खड़ी फसलें बेमौसम बरसात से तबाह हुई हैं। इन भागों में मांडला, सिवनी, छिंदवाड़ा, उमरिया, अंबिकापुर, बिलासपुर, रायपुर और राजनंदगांव जैसे क्षेत्रों में कई जगहों पर भारी ओले गिरे हैं।
उत्तर प्रदेश में इस दौरान लगभग 28 लोगों की मौत हुई जबकि 4 लोग बिहार में मारे गए हैं। यह घटनाएं ज्यादातर बिजली गिरने की वजह से हुई हैं। इसके अलावा कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण भी किसान और कृषि प्रभावित हुई है। देश के कई इलाकों में सब्जियों के दाम बहुत बढ़ गए हैं। किसान संकट में आ गए हैं। दूसरी और हवाई उड़ानें प्रतिबंधित होने के कारण निर्यात पर भी असर पड़ा है।
पश्चिमी एशिया से फलों और सब्जियों की मांग बेहद नीचे आ गई है। विश्व भर में कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों की वजह से दुनिया के साथ-साथ भारत की अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। अब तक लगभग 120 देशों में इसका संक्रमण हो चुका है और 1 लाख 60 हज़ार से अधिक लोग इससे प्रभावित हो चुके हैं।
कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते प्रसार को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया है और अपील की है कि बेहद एहतियात बरतने की आवश्यकता है। भारत में अब तक 110 से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। जिनमें दो लोगों की मौत हो गई है। एक दिल्ली में जबकि दूसरा दूसरी मौत कर्नाटक के कलबुर्गी में हुई है। सरकार ने राजनयिकों को छोड़कर बाकी सभी वीजा 15 अप्रैल तक के लिए फिलहाल तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिए हैं।
इन सबके बीच महज एक ऐसी चीज है जिससे कुछ उम्मीद पैदा होती है वह है कि मार्च की शुरुआत में जहां चीन में कोरोना वायरस के मामले हर दिन तेजी से बढ़ रहे थे वहीं अब इसमें गिरावट आ रही है।
भारतीय उपमहाद्वीप में अप्रैल की शुरुआत से अधिकांश जगहों पर तापमान बढ़ते हुए 35 डिग्री को पार कर जाता है जबकि यूरोपीय देशों, उत्तरी अमरीका और चीन के ज्यादातर भागों में 30 से 35 डिग्री के ऊपर तापमान पहुंचने में जून और जुलाई तक का समय लगता है। ऐसे में कोरोनावायरस से लड़ने और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलाने से रोकने के लिए विश्व भर में बहुत अधिक सतर्कता बरती जाने की आवश्यकता है। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी है।
इस सप्ताह का मौसम
इस बीच मार्च का तीसरा हफ्ता पिछले दो हफ्तों की तुलना में कृषि के लिए बेहतर हो सकता है। जहां पिछले 2 हफ्तों में भारी वर्षा हुई थी वहीं इस सप्ताह उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में कोई भीषण बारिश की संभावना नहीं है। मध्य भारत के पूर्वी हिस्सों में इस सप्ताह भी व्यापक वर्षा हो सकती है। कुछ स्थानों पर ओले भी गिरेंगे। दूसरी ओर पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में इस सप्ताह मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। तापमान में लगातार वृद्धि होगी।
English Version: MD Skymet, Jatin Singh: Inclement weather conditions damage standing crops and the current week to be a little mild for northern plains
उत्तर भारत
इस सप्ताह एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आएगा, जिसके कारण 17 से लेकर 20 मार्च के बीच उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में मौसम बदल सकता है। इस सिस्टम के पीछे ही एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ 21 मार्च को दस्तक देगा, जो जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश में मध्यम से भारी वर्षा या बर्फबारी दे सकता है।
उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में इस दौरान भी मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा सप्ताह के आखिर में कहीं-कहीं पर बारिश की संभावना नजर आ रही है उत्तर भारत के मैदानी राज्यों में तापमान 30 डिग्री के नीचे ही रहेगा हालांकि अब इसमें बढ़ोतरी का रुझान देखने को मिलेगा।
पूर्वी व पूर्वोत्तर भारत
पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में इस सप्ताह के शुरुआती दिनों में विशेष मौसमी हलचल की अपेक्षा नहीं है लेकिन सप्ताह के दूसरे हिस्से में पूर्वी भारत के कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है। बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 19 मार्च को कई जगहों पर गरज के साथ वर्षा होने या बिजली गिरने की आशंका है। इसी तरह असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में भी कई जगहों पर सप्ताह के मध्य से कुछ स्थानों पर गरज के साथ वर्षा होने की संभावना है। इन भागों में भी कहीं-कहीं पर बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं।
मध्य भारत
मध्य भारत में गुजरात और पश्चिमी मध्य प्रदेश में पिछले सप्ताह की तरह साफ और शुष्क मौसम रहेगा। इन भागों में कोई विशेष मौसमी गतिविधियां नहीं होंगी। दूसरी ओर पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में 17 से 21 मार्च के बीच रुक रुक कर गर्जना के साथ वर्षा होने की संभावना है। ओडिशा, छत्तीसगढ़ और विदर्भ में 19 से 21 मार्च के बीच तेज हवाओं के साथ बारिश होने और बिजली गिरने की घटनाएं हो सकती हैं। कहीं पर ओलावृष्टि की भी आशंका रहेगी।
दक्षिण भारत
इस सप्ताह दक्षिण भारत में तेलंगाना सबसे गर्म स्थान हो सकता है। अनंतपुर, कुरनूल, और कडप्पा जैसे कई शहरों में अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर जाएगा। दूसरी ओर तेलंगाना और तटीय आंध्र प्रदेश में 21 और 22 मार्च को एक-दो जगहों पर तेज गर्जना के साथ बूंदाबांदी या हल्की वर्षा की संभावना है। तमिलनाडु, केरल तथा दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में 21 और 22 मार्च को प्री-मॉनसून वर्षा होने की संभावना है।
दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में 20 और 21 मार्च को कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है। इससे पहले मौसम शुष्क बना रहेगा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 30 डिग्री के स्तर को पार कर सकता है। हालांकि रात का तापमान 14 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा जिससे रात और सुबह के समय मौसम सुहावना बना रहेगा।
चेन्नई
चेन्नई में इस सप्ताह भी पिछले सप्ताह जैसा मौसम रहने की संभावना है। ज्यादातर समय गर्म और आर्द्र हवाएं चेन्नई में चलती रहेंगी। चेन्नई में अधिकांश दिनों में मौसम साफ रहेगा लेकिन 21 और 22 मार्च को गर्जना के साथ हल्की वर्षा हो सकती है। अधिकतम तापमान 35 डिग्री या उससे ऊपर बना रहेगा। न्यूनतम तापमान 25 डिग्री के आसपास रहेगा।
Image credit: The Indian Express
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