इस सप्ताह भी देश के कई इलाकों में मॉनसून सक्रिय रहेगा। इससे उम्मीद है कि देश के मध्य भागों के साथ-साथ पूर्वी और उत्तर भारत के भागों में अच्छी मॉनसून वर्षा देखने को मिलेगी। जैसा हमने अनुमान लगाया था, पिछले सप्ताह मॉनसून का अच्छा प्रदर्शन देश के कई इलाकों में दिखा। इस दौरान देश के मध्य भागों में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई। बड़ौदा, सूरत, पुणे, नाशिक और मुंबई जैसे कई शहरों में अनेक बार 100 मिलीमीटर से अधिक वर्षा होती रही है। उत्तर भारत में कटरा, ऊना और कपूरथला जैसे कई शहरों में भी भारी बारिश हुई।
हमारे पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह के मुक़ाबले बारिश में कमी के प्रतिशत में 6% की गिरावट आई है। 1 जून से 4 अगस्त के बीच देश भर में कुल 453.5 मिमी बारिश हुई है, जो 489.3 मिमी की सामान्य वर्षा से 7% कम है। 28 जुलाई के मुक़ाबले 4 अगस्त तक हुई बारिश के तुलनात्मक आंकड़े नीचे दिए गए टेबल में देख सकते हैं।
मॉनसून कमजोर भी होगा
इस सप्ताह अच्छी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए अनुमान है कि बारिश में कमी के आंकड़ों में गिरावट आएगी और घटते हुए 2% पर आ जाएगा। लेकिन हमारा मॉडल संकेत दे रहे हैं कि 13 अगस्त से फिर से मॉनसून कमजोर हो जाएगा और देश के अधिकांश इलाकों में बारिश में कमी आ जाएगी। यही नहीं मॉनसून में यह सुस्ती अगले एक सप्ताह तक चलेगी। उस दौरान कोई भी प्रभावी मॉनसून सिस्टम विकसित नहीं होगा और मॉनसून की अक्षीय रेखा भी हिमालय के तराई क्षेत्रों में पहुँच जाएगी और वहीं कुछ समय के लिए टिकी रह जाएगी। इसके चलते बारिश घट जाएगी और जो बारिश में कमी के आंकड़े हैं, फिर से ऊपर चले जाएंगे।
मध्य भारत में होगी भारी बारिश लेकिन मुंबई में मॉनसून नहीं बनेगा आफत
हालांकि इस समय जो स्थितियाँ हैं, उससे मध्य भारत के भागों में अच्छी बारिश के संकेत मिल रहे हैं। यानि इस सप्ताह भी देश के मध्य भागों में अच्छी बारिश होगी। उसके बाद पूर्वी और उत्तरी इलाकों पर भी मॉनसून की मेयरबानी देखने को मिलेगी। राजस्थान के कुछ हिस्सों में मूसलाधार बारिश इस सप्ताह भी देखने को मिल सकती है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी मूसलाधार बारिश से बाढ़ जैसी स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं। दक्षिण भारत में मॉनसून इस सप्ताह भी बहुत प्रभावी नहीं होगा। आंध्र प्रदेश, रायसलीमा और केरल में हल्की बारिश होगी। लेकिन तटीय कर्नाटक में अच्छी बारिश होती रहेगी। तमिलनाडु को निराशा हाथ लगेगी।
जहां तक बात मुंबई में बारिश की है, तो यहाँ इस सप्ताह लोगों को राहत मिलेगी क्योंकि बारिश इस सप्ताह होने की उम्मीद कम है। लेकिन अरब सागर से समुद्री हवाएँ चलती रहेंगी जिससे रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। इस सप्ताह जो भी बारिश होगी उसके लिए मुख्यतः मॉनसून की अक्षीय रेखा और बंगाल की खाड़ी में बन रहा निम्न दबाव का क्षेत्र जिम्मेदार होंगे।
इस मौसम का फसलों पर प्रभाव
इस सप्ताह होने वाली बारिश से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओड़ीशा, बिहार और उत्तर प्रदेश में धान और गन्ने सहित खरीफ फसलों को फायदा होगा। हालांकि भारी बारिश को देखते हुए आशंका है कि इन राज्यों में फसलें जलमग्न हो सकती है। किसानों को सुझाव है कि सोयाबीन और कपास के खेतों से पानी निकालने का प्रबंध करें। दलहनी फसलों को भी इस बारिश से फायदा होगा।
कुल मिलकर कह सकते हैं कि बारिश के संदर्भ में यह सप्ताह अच्छा रहेगा। लेकिन 12 या 13 अगस्त से मॉनसून के सुस्त होने की संभावनाओं को देखते हुए यह डर है कि बारिश में कमी फिर से ऊपर चली जाएगी। फसलों को फिर से लंबे समय तक चलने वाले शुष्क मौसम से नुकसान होगा।
Image Credit: Irisholidays
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