बसंत ऋतु जो फरवरी से शुरू होकर अप्रैल महीने तक चलती है। इस समय को फूलों का मौसम भी कहा जाता है। क्योंकि, इस दौरान सबसे ज्यादा फूल खिलते हैं। बसंत ऋतु में मौसम सुहावना होता है। इस समय न तो ज्यादा गर्मी होती है और न अधिक ठंड। जिस कारण फूल के पौधों की बहुत ज्यादा देखभाल नहीं करनी होती है। अगर आपको भी अपने बगीचे को खूबसूरत दिखाना है, तो बसंत में खिलने वाले इन फूलों के पौधों को लगाकर गार्डन को आकर्षक बना सकते हैं।
जलकुंभी/हायसिंथ के फूल(Hyacinths Flower): हायसिंथ एक ऐसा फूल है जिसके बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं। इसे जलकुंभी भी कहा जाता है, जो पानी में तैरने वाला पौधा है। यह मूलत अमेजन से है। भारत में यह खूबसूरत फूल ज्यादातर तालाबों में होता है और यह बाराहमासी पौधा है। हायसिंथ के फूल को आजकल के लोग अपने बगीचे और गमलों में भी उगाते हैं। हायसिंथ की खासियत है कि यह पूरे बसंत में खिले रहते है और फूल का रंग एक नहीं बल्कि बैंगनी, सफेद, नीला, गुलाबी, लाल होता है। जलकुंभी के पौधे को छोटे-छोटे कंटेनर में लगाकर छांव या धूप में रखा जा सकता है।
डैफोडिल/ नरगिस के फूल (Daffodils Flower): डैफोडिल्स को नरगिस भी कहते हैं, क्योंकि यह नरगिस के ही वंश का फूल है। डैफोडिल्स के पौधे लगाने से अपना बगीचा आकर्षक और खूबसूरत दिखने लग जाएगा। डैफोडिल्स के फूल पीले, नारंगी, सफेद के साथ कई अलग-अलग रंगो में आते हैं। बता दें, नरगिस फूल के पौधे उगाना बहुत ही आसान होता है। क्योंकि, बसंत ऋतु में न ज्यादा धूप होती है और न ज्यादा सर्दी। क्योंकि, डैफोडिल्स के पौधे नमी वाली मिट्टी में उगाएं जाते हैं। इसीलिए डैफोडिल्स के पौधे को मिट्टी में रोपने के बाद कम रखवाली की जरूरत होती है। इसके पौधों को धूप या छांव में रखा जा सकता है।
ट्यूलिप्स के फूल (Tulips Flower): ट्यूलिप के फूल आपके बगीचे की खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं। क्योंकि ये रंग बिरंगे और देखने में बहुत ही खूबसूरत होते हैं। ट्यूलिप्स के बल्ब को बसंत ऋतु में भी लगाया जा सकता है। हालांकि, बसंत में ट्यूलिप्स के बल्बों को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। क्योंकि, ट्यूलिप के फूल ज्यादा सर्दी में खिलते है, गर्मी के मौसम में यह फूल ज्यादा देर तक खिल हुए नहीं रहते हैं। वहीं, बसंत ऋतु के समय ट्यूलिप के बल्बों को खिलने में एक से दो सप्ताह का समय लगता है। दूसरे फूलों की तरहे ट्यूलिप के फूल भी कई तरह के रंग में होते है।
लाइलक्स के फूल (Lilacs Flower): बसंत ऋतु में सबसे ज्यादा लाइलक्स के फूल खिलते हैं। इन्हे आप अपने बगीचे में लगा सकते हैं। इस फूल के पौधे गीली मिट्टी में मिलते है। लाइलक्स के पौधों को कहीं भी रखा जा सकता है, जैसे जहां सूरज की रोशनी अच्छे से आती है वही भी रख सकते है। या फिर पूरी तरह से छाव में भी रख सकते है। बता दें, लाइलक्स के फूल बहुत ही सुंदर होने के साथ नाजुक होते हैं। इनकी खुशबू बहुत अच्छी होती है। लाइलक्स के फूल कई तरह के रंगों जैसे गुलाबी, सफेद, नीले और लैवेंडर रंग में मिलते हैं।
लैंटाना फूल (Lantana flower ): लैंटाना एक बहुवर्षीय झाड़ीनुमान पौधा है। वैसे तो लैंटाना के फूल किसी भी मौसम में खिल जाते हैं। लेकिन, बसंत ऋतु की धूप में लैंटाना के फूल बहुत ही खूबसूरत और यूनिक दिखते हैं। लैंटाना भी कई तरह के रंगों जैसे, गुलाबी सफेद, नारंगी और बैंगनी रंग में मिलता है। लैंटाना के पौधे को हैंगिंग बास्केट नुमा गमले में भी लगाया जा सकता है। इसके पौधे को रोजाना 6 से 8 घंटे की धूप और ज्यादा पानी की जरूरत होती है। बता दें, लैंटाना एक खरपतवार है जो फसलों को नुकसान पहुंचाती है और पशुओं द्वारा खा लेने पर कई बीमारियाँ हो जाती हैं।
क्रोकस फूल (Crocus Flower): बसंत ऋतु में खिलने वाले फूलों में एक है क्रोकस। इसे गमले में आसानी से उगाया जा सकता है। बता दें, क्रोकस पतझड़ और सर्दी में भी खिल जाता है। क्रोकस के फूल सफेद, बैंगनी, पीले या नारंगी कलर के होते हैं। इसे आप अपने लॉन में रख सकते हैं, जिस गमले में क्रोकस का पौधा लगाया है, उसमें पानी की निकासी का खास ध्यान रखे। इसके साथ ही ज्यादा धूप और ठंड में जिसे न रखे। क्रोकस के फूल खिलने के बाद बगीचा बहुत ही खूबसूत दिखेगा। आपको बता दें, क्रोकस के फूल से ही केसर मिलता है।