इस सीज़न का पाँचवाँ सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पहाड़ों का मौसम बदलने आ रहा है। यह सिस्टम इस समय उत्तरी अफगानिस्तान और इससे सटे भागों पर पहुँच गया है। अनुमान है कि 10 दिसम्बर की रात तक यह पहाड़ों के करीब पहुँच जाएगा। इसके प्रभाव से लगभग 10-12 दिनों के अंतराल के बाद उत्तर भारत के पहाड़ों पर अच्छी बर्फबारी देखने को मिलेगी।
स्काइमेट का अंकलन है कि जम्मू कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में 10 दिसम्बर से कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा की गतिविधियां शुरू होंगी। 11 से बर्फबारी भी शुरू हो जाएगी और बारिश की तीव्रता में वृद्धि देखने को मिलेगी। अनुमान है कि 12 दिसम्बर से उत्तराखंड में भी मौसम बदल जाएगा। इसी समय उम्मीद है कि उत्तर भारत के सभी पहाड़ी राज्यों में अधिकांश स्थानों पर बारिश और बर्फबारी होगी। एक-दो स्थानों पर भारी हिमपात की भी संभावना है। कहीं-कहीं ओले भी गिर सकते हैं।
English Version: Postpone your travel plans as fifth active WD to bring heavy rain and snow over northern hills
मौसम विशेषज्ञों का आंकलन है कि आने वाले स्पेल में ही उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में इस सीज़न की सबसे भारी बर्फबारी कुछ हिस्सों में हो सकती है। इसके चलते इन दोनों राज्यों के अलावा जम्मू कश्मीर में भी भूस्खलन और हिमस्खलन होने की आशंका जताई जा रही है। जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग समेत पहाड़ी राज्यों पर कई रास्ते भारी बर्फबारी के कारण बंद हो सकते।
सप्ताह के आखिर में पहाड़ों पर न जाने की चेतावनी
तेज़ बारिश और भारी हिमपात की संभावना को देखते हुए स्काइमेट का सुझाव है कि 12 से 15 दिसम्बर के बीच पहाड़ों पर जाने से बचें। हालांकि गतिविधियां 14 दिसम्बर से ही सिस्टमों के आगे बढ़ने के साथ कम हो जाएंगी लेकिन भूस्खलन और हिमस्खलन बाद में भी हो सकता है और सड़कों पर इकठ्ठा बर्फ बनी रह सकती है इसलिए कम से कम 15 दिसम्बर तक पहाड़ों पर जाना और आना आसान नहीं होगा।
यह पश्चिमी विक्षोभ इतना प्रभावी है कि उत्तर भारत के पहाड़ों ही नहीं बल्कि मैदानी इलाकों और मध्य भारत के राज्यों में भी बारिश और ओलावृष्टि की गतिविधियां दे सकता है।
Image credit: SunPost
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