अत्यंत भीषण रूप ले चुका चक्रवाती तूफान फ़ानी भारत के पूर्वी तटों के काफी करीब आ गया है। बृहस्पतिवार को तूफान फ़ानी ओड़ीशा के पुरी से लगभग 400 किलोमीटर दूर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में बंगाल की खाड़ी में था। विशाखापत्तनम से यह लगभग 200 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में पहुँच गया है। इस तूफान से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाले राज्यों में तीसरा राज्य है पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल के दिघा से तूफान फ़ानी अभी भी लगभग 600 किलोमीटर दूर है।
तूफान की क्षमता अभी भी अत्यंत भीषण चक्रवात की है। इसकी दिशा से अब लगभग तय हो चुका है कि यह ओड़ीशा में पुरी के पास से लैंडफॉल करेगा। स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार 3 मई को तूफान ओड़ीशा में दस्तक देगा। आंध्र प्रदेश और ओड़ीशा पहले से ही इसके दायरे में आ गए हैं।
स्काइमेट का अनुमान है कि 2 मई को उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश और इससे सटे दक्षिणी-तटवर्ती ओड़ीशा में भीषण बारिश शुरू हो जाएगी। मूसलाधार बारिश के साथ 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएँ चलेंगी। हवा की रफ़्तार 100 से 120 किलोमीटर प्रतिघंटे तक जा सकती है।
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तूफान फ़ानी उत्तर-उत्तर-पूर्वी दिशा में बढ़ते हुए बृहस्पतिवार की रात तक ओड़ीशा के और करीब पहुँच जाएगा। आज रात से तूफानी हवाएँ ओड़ीशा के तटों पर तांडव शुरू कर देंगी साथ ही मूसलाधार बारिश भी देखने को मिलेगी। 3 मई को ओड़ीशा के सभी भागों में बारिश बढ़ जाएगी। हालांकि तटीय इलाकों पर जोखिम सबसे ज़्यादा है। यहाँ मूसलाधार बारिश ना सिर्फ बाढ़ का कारण बनेगी बल्कि तूफानी हवाओं की चपेट में आने से कच्चे मकान और झोंपड़े नष्ट हो सकते हैं।
ओड़ीशा के तटीय भागों में कल दोपहर को जब तूफान प्रवेश करेगा, तब तटीय हिस्सों पर भारी वर्षा शुरू हो जाएगी। इसी दौरान ओड़ीशा के आंतरिक हिस्सों में भी मध्यम से भारी बारिश देखने को मिलेगी।
चक्रवाती तूफान फ़ानी 4 मई को पश्चिम बंगाल की तरफ चला जाएगा जिससे बारिश भी पश्चिम बंगाल में तेज़ हो जाएगी। इसके बाद 5 मई तक यह पूर्वोत्तर राज्यों की ओर पहुंचेगा यह सिस्टम। इस दौरान कमजोर हो जाएगा। हालांकि कमजोर होने के बाद भी पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश इसके कारण देखने को मिलेगी।
Image Credit: Skymetweather.com
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