देश में लगातार चीनी का उत्पादन बढ़ रहा है। सरकार चीनी का बफर स्टॉक तैयार करने की योजना बना रही है। इसके लिए कुल उत्पादन का 10% यानि 27 लाख टन चीनी खरीद कर बफर स्टॉक के लिए 1,000 करोड़ रुपए रिलीज़ किए जा सकते हैं। वर्तमान चीनी उत्पादन वर्ष में देश में 2.7 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। इसके अलावा किसानों और चीनी उद्योग की मांगों को देखते हुये सरकार चीनी पर आयात शुल्क बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर रही है। चीनी उद्योग को एथेनॉल उत्पादन के लिए आर्थिक सहायता देने की भी योजना बनाई जा रही है।
इस समय देश भर में चीनी मिलों पर किसानों का लगभग 20,000 करोड़ रुपये बकाया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार निरंतर चीनी उत्पादन से आने वाले समय में समस्याएँ और गंभीर हो सकती हैं। कीमतें काफी नीचे आ सकती हैं जिससे चीनी मिलों पर किसानों का बकाया और बढ़ सकता है। जो किसान के साथ-साथ चीनी उद्योग के लिए अच्छा संकेत नहीं है। गन्ना उत्पादक किसानों को उनके उत्पाद की अच्छी और समयबद्ध कीमत मिले इसके लिए चीनी उद्योग को सक्षम बनाना होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि चीनी मिलों को अधिक चीनी उत्पादन की बजाय एथेनॉल उत्पादन का रूख करना चाहिए। और ऐसा चीनी मिलों को एथेनॉल की अच्छी कीमतें मिलने पर ही संभव हो सकता है। दोनों पक्षों यानि किसान और चीनी उद्योग के भले के लिए सरकार को सहयोग बढ़ाना होगा।