[Hindi] गंगा प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, हरिद्वार से कानपुर करेगा निरीक्षण

May 3, 2017 2:16 PM|

Ganga-clean-up NGTनदियों के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार की कई एजेंसियां काम कर रही हैं। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने गंगा नदी को विषेशतौर पर प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नमामि गंगे नाम से एक परियोजना शुरू की थी लेकिन इसके सार्थक परिणाम देखने को अब तक नहीं मिले। यही वजह है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण एनजीटी ने गंगा के सबसे प्रदूषित हिस्से का खुद निरीक्षण करने का फैसला किया है।

राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने कल कहा कि वहहरिद्वारऔर कानपुर के बीच गंगा में जिन स्थानों पर सबसे अधिक प्रदूषण है उनका अधिकरण स्वयं निरीक्षण करेगा जिससे वर्तमान स्थिति का पता चल सके। यह फैसला इसलिये महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि आमतौर पर अधिकरण मौके का मुआयना करने के लिये विशेषज्ञों के एक दल का गठन कर उनसे जमीनी हकीकत की रिपोर्ट देने को कहता है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार ने कहा कि वह गंगा की सफाई से जुड़े मामले की सुनवाई प्रतिदिन कर रहे हैं लेकिन गंगा में प्रवाहित होने वाले प्रदूषित तत्वों के प्रकार और मात्रा को लेकर कोई ठोस आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाना होगा इसके लिए आवश्यक है गंगा के सबसे प्रदूषित हिस्सों का निरीक्षण किया जाये।

हरित न्यायाधिकरण की पीठ ने कहा कि हमनेउत्तर प्रदेशऔरउत्तराखंडकी राज्य सरकारों, पर्यावरण मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तर प्रदेश जल निगम कोकानपुरमें पहले निरीक्षण के लिये सभी जरूरी तैयारियां करने का निर्देश दिया है।

Image credit: Pradesh18

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