Weather Alert: बंगाल की खाड़ी में कल बनेगा निम्न दबाव, 'यागी' तूफान का तटों पर दिखेगा असर

September 4, 2024 8:40 PM | Skymet Weather Team
फोटो: AFP

उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी (BoB) पर एक चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) बना हुआ है, जो वायुमंडल के मध्य स्तर तक फैला हुआ है। इसके प्रभाव से कल तक बंगाल की खाड़ी, आंध्र प्रदेश और ओडिशा तट पर एक निम्न दबाब का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह मौसम प्रणाली(वेदर सिस्टम) समुद्र में उतार-चढ़ाव करते हुए धीरे-धीरे उत्तर की ओऱ खिसकती रहेगी। इस प्रणाली के 08 सितंबर को उत्तरी बीओबी और 'हेड बे' क्षेत्र में पहुंचने की संभावना है। यह प्रणाली 10/11 सितंबर तक गंगीय पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के समुद्र तट को घेरे रहेगी और उसके बाद ही जमीन की ओर बढ़ेगी। इसका मतलब है कि यह निम्न दबाव क्षेत्र लगभग 5 दिनों तक समुद्र में पूर्वी तट के करीब रहेगा। यह थोड़ा असामान्य है, लेकिन यह भारत की भौगोलिक सीमा से परे हो रही घटनाओं के कारण हो सकता है।

क्या होता है ‘हेड बे’ क्षेत्र: 'हेड बे' क्षेत्र बंगाल की खाड़ी का उत्तरी हिस्सा होता है, जो पश्चिम बंगाल, ओडिशा और बांग्लादेश के तटों के करीब स्थित है। यह क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के सबसे उत्तरी छोर पर स्थित है और अक्सर मानसूनी गतिविधियों, चक्रवातों और निम्न दबाव क्षेत्रों का केंद्र होता है। इसे 'हेड ऑफ बे ऑफ बंगाल' भी कहा जाता है, और यहां की भूगोलिक स्थिति के कारण मौसम प्रणाली इस क्षेत्र में विशेष रूप से सक्रिय रहती है।

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दक्षिण चीन सागर में मजबूत तूफान 'यागी': दक्षिण चीन सागर में एक शक्तिशाली उष्णकटिबंधीय तूफ़ान(tropical storm) 'यागी'  एक्टिव है। यह तूफान पहले 02 सितंबर को फिलीपींस को पार कर गया था और फिलीपींस सागर में फिर से उभरा है।  वर्तमान में, यह तूफान उत्तर फिलीपींस के पश्चिम में दक्षिण चीन सागर के ऊपर समुद्र की गहराई में स्थित है। बता दें, यह तूफान कैटेगरी-II के बराबर हरिकेन के रूप में है। अगले 48 घंटों में इस तूफान के सुपर टाइफून 'यागी' बनने की आशंका है। बता दें, बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणाली की गति पश्चिम प्रशांत महासागर में यागी तूफान की स्थिति से निकटता से जुड़ी हुई है। सीध शब्दों में कहे तो, बीओबी में मौसम प्रणाली, जैसे कि निम्न दबाव क्षेत्र या चक्रवात, उसकी गतिविधियाँ या गति "यागी" तूफान की स्थिति से प्रभावित हो रही हैं, जो पश्चिमी प्रशांत महासागर में स्थित है।

यागी करेगा कई लैंडफॉल: टाइफून ‘यागी’ के कई लैंडफॉल करने की संभावना है, यहां तक की फिलीपींस पार करने के बाद भी यह तूफान कई बार भूस्खलन करेगा। बता दें, जब कोई तूफान समुद्र से चलकर जमीन से टकराता है तो उसे लैंडफॉल कहा जाता है। यागी तूफान फिलीपींस में पहला लैंडफॉल करेगा, यानी यह फिलीपींस के तट से टकराएगा। इसके बाद भी यह तूफान कमजोर नहीं होगा, बल्कि अपनी दिशा बदलते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा। यागी तूफान चीन के हाइनान द्वीप, और फिर वियतनाम के उत्तर क्षेत्र में भी तट से टकराएगा। टाइफून यागी समुद्र से बढ़कर जमीन पर कई स्थानों पर तबाही मचाएगा। जिससे इन स्थानों पर भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण नुकसान होने की संभावना है। प्रत्येक लैंडफॉल के बाद तूफान थोड़ा कमजोर होगा, लेकिन फिर भी यह एक शक्तिशाली चक्रवात बना रहेगा, जब तक कि यह पूरी तरह से जमीन पर आकर खत्म नहीं हो जाता।

यागी तूफान से तबाही:  अभी यह तूफान पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर जाते हुए चीन के हाइनान द्वीप की ओर बढ़ रहा है। 07 सितंबर को इस तूफान के हाइनान में लैंडफॉल करने की संभावना है। भूस्खलन के बाद तूफान टोंगकिंग की खाड़ी में प्रवेश करेगा। पश्चिम की ओर बढ़ते हुए, कैटेगरी-II हरिकेन के बराबर का शक्तिशाली चक्रवात उत्तरी वियतनाम से टकराएगा, जहां यह तीसरी बार भूस्खलन करेगा। इस लैंडफॉल से वियतनाम के उत्तरी क्षेत्रों में भारी बारिश, तेज हवाएँ और तबाही हो सकती है, क्योंकि यह एक शक्तिशाली चक्रवात है जो वियतनाम के तट को प्रभावित करेगा।

बंगाल की खाड़ी में यागी तूफान: लैंडफॉल के बाद तूफान कमजोर हो जाएगा और इसके अवशेषों के लाओस और म्यांमार तक पहुंचने की संभावना है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो इस तूफान का बचा हुआ हिस्सा बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर सकता है और बीओबी में पहले से मौजूद कम दबाव वाले क्षेत्र में शामिल हो सकता है। इसके लिए पूरे सप्ताह भर के पूर्वानुमान की समीक्षा की जाएगी और अगर आवश्यकता हुई तो इसे बदला जाएगा।

तट के पास निम्न दबाव का प्रभाव: बंगाल की खाड़ी पर बने निम्न दबाव की निकटता ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट के पास होने से 4 से 10 सितंबर के बीच तट के साथ और उसके आसपास मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी। इस अवधि के दौरान आंध्र प्रदेश,  ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कई स्थानों पर मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। बता दें, मानसूनी बारिश तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और झारखंड के अंदरूनी भागों में भी होगी। इसके अलावा बारिश विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश तक भी पहुंचेंगी। हालांकि, मौसम मॉडल की सटिकता 5 दिनों के बाद घट जाती है, इसलिए 48 घंटों के बाद पूर्वानुमान को सत्यापित या समीक्षा करने के लिए एक ताजा आकलन किया जाएगा।

फोटो क्रेडिट: AFP

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